अमेरिका की राजनीति में शायद यह पहली बार है जब कोई मौजूदा सांसद किसी पार्टी नेता के खिलाफ विरोध कर रहा है। हाउस डेमोक्रेट्स के लिए कांग्रेस में अपने एक मौजूदा सहयोगी को चुनौती देने वाले का समर्थन करना असामान्य है। हम बात कर रहे हैं अमेरीकी संसद में अश्वेत सांसदों के शक्तिशाली समूह 'ब्लैक कॉकस' की। ब्लैक कॉकस ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ब्लैक कॉकस ने डेमोक्रेटिक प्राइमरी में थानेदार के स्थान पर एडम हॉलियर का समर्थन करने का ऐलान किया है। मिशिगन के 13वें संसदीय क्षेत्र में अश्वेतों का बहुमत है। थानेदार कांग्रेस में मिशिगन का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय अमेरिकी हैं। 2022 में उन्होंने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी को 47 प्रतिशत अंकों से हराया था। यह पहली बार हुआ कि प्रतिनिधि सभा में उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई अश्वेत था।
ब्लैक कॉकस के के अध्यक्ष स्टीवन हॉर्सफोर्ड और पूर्व अध्यक्ष जॉयसे बीटी ने 19 अप्रैल को डेमोक्रेटिक प्राइमरी में एडम हॉलियर का समर्थन करने की घोषणा की। हॉर्सफोर्ड का कहना है कि अमेरिकी सेना से लेकर राज्यपाल व्हिटमर के मंत्रिमंडल तक, एडम हॉलियर ने अपना जीवन अपने समुदाय और अपने देश की सेवा में बिताया है। वह एक प्रभावी प्रतिनिधि के रूप में उस सेवा को जारी रखेंगे और लोगों को राजनीति से ऊपर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि एडम एक ऐसे नेता हैं जो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने, हमारे अधिकारों के लिए लड़ने और सभी के लिए अवसर सुनिश्चित करने के महत्व को समझते हैं। जॉयसे बीटी का कहना है कि एडम हॉलियर ऐसे नेता हैं जो कुछ करते हैं। जिनके साथ हमें खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ नेता है, जो सामने आने के बजाय ट्वीट करना पसंद करते हैं। लेकिन एडम हमेशा आगे आकर काम करते हैं।
इस महीने की शुरुआत में थानेदार ने पांच मिलियन डॉलर जुटाए और प्रभावशाली निर्वाचित अधिकारियों और संगठनों से 15 से अधिक समर्थन प्राप्त किए हैं। सांसद अमी बेरा, जूडी चू, रॉबर्ट गार्सिया, मार्सी कप्तूर, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, टेड लियू, सेठ मैगजीनर, ब्रैड शरमन और दीना टाइटस ने थानेदार का समर्थन किया है। इसके अलावा, मानवाधिकार अभियान, लेबरर्स इंटरनेशनल यूनियन ऑफ नॉर्थ अमेरिका, नेशनल एजुकेशन एसोसिएशन, मिशिगन एजुकेशन एसोसिएशन और न्यूटाउन एक्शन एलायंस ने भी उनका समर्थन किया है।
श्री थानेदार ने इस महीने की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि एक साथ मिलकर, हम मिशिगन के सभी निवासियों के लिए प्रगति, समानता और अवसर के लिए लड़ना जारी रखेंगे। थानेदार ने कहा कि वह मतदाताओं के साथ जुड़ने, उनकी चिंताओं को सुनने और समुदाय की चुनौतियों का समाधान करने वाली नीतियों की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक आप्रवासी, वैज्ञानिक, उद्यमी, पति, पिता और दादा के रूप में श्री थानेदार ने गरीबी की चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव किया है। वह भारत में एक बड़े परिवार में पले-बढ़े, नदी से पानी लाने और अपनी पढ़ाई के लिए चौकीदार के रूप में काम करने को याद करते हैं। 24 साल की उम्र में श्री थानेदार बेहतर जीवन की आशा से प्रेरित होकर केवल 20 अमेरिकी डॉलर के साथ अमेरिका आए थे। अपनी कड़ी मेहनत और लगन से आज यह मुकाम हासिल किया है।
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