महीनों से युद्ध की आग में झुलस रहे यूक्रेन में फंसे हरियाणा के आठ युवकों की सुरक्षित वापसी के लिए कांग्रेस पार्टी के महासचिव व राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से अनुरोध किया है।
विदेश मंत्री जयशंकर को संबोधित पत्र में सुरजेवाला ने उन विकट परिस्थितियों पर प्रकाश डाला, जिनकी वजह से ये युवा इस हालत में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार के अवसरों की कमी ने इन युवकों को अनिश्चित भविष्य में झोंक दिया है। रूस में इन्हें 8 से 10 लाख रुपये की सैलरी वाली नौकरियों का ऑफर किया और ये लोग झांसे में आकर फंस गए।
सुरजेवाला के अनुसार, अंकित पहले ही रूस में सेटल हो चुके हैं। वही इन युवकों को पर्यटक वीजा पर मास्को लेकर गए। हालांकि जिस नौकरी का वादा किया गया था, उसके बजाय इन युवाओं को कथित तौर पर युद्ध के मोर्चे पर जाने के लिए मजबूर किया गया। सुरजेवाला ने रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया कि फ्रंटलाइन पर ग्रेनेड की चपेट में आने से साहिल गंभीर रूप से घायल हो गया है।
युद्ध में फंसे इन युवाओं ने खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें बाकी समूह से जबरन अलग कर दिया गया था और दूसरी जगह पर भेज दिया गया था। उन्होंने सोशल मीडिया की सहायता लेकर मदद की गुहार लगाई। हालात को बयां करते उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं।
इन युवाओं में करनाल का एक युवक हर्ष भी शामिल है। वह फतेहाबाद और पंजाब के अपने दोस्तों के साथ वहां फंसा है। इन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में कई वीडियो जारी किए हैं और युद्ध के बीच धोखा खाने और मरने के लिए छोड़ देने के अनुभव बताते हुए मदद मांगी है।
सुरजेवाला ने हरियाणा के इन युवकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर से तत्काल दखल देने का अनुरोध किया। उन्होंने विदेश मंत्री से आग्रह किया कि वे रूसी समकक्षों के सामने इस मामले को उठाएं और युवाओं की वापसी के लिए दूतावास के संसाधनों का प्रयोग करें।
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