एक बूंद से लेकर एक महासागर तक। 8 साल के ऋषि से लेकर 88 साल के शंभू जी तक। ये सभी रविवार 11 अगस्त की शाम 8 बजे ग्लोबल मॉल में बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति अटलांटा हिंदू समुदाय के समर्थन को दिखाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे। इनके भीतर उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के लिए पीड़ा थी। साथ ही साथ उत्पीड़न के खतरे को दूर करने का संकल्प भी था। दोपहर और शाम के प्रदर्शन रैलियों में 750 से अधिक लोग शामिल थे। इसने साबित किया कि इस मुद्दे को लेकर हिंदू समाज एकजुट है और बंग्लादेश में नरसंहार के अपराधियों के साथ-साथ दुनिया भर में होने वाले दुष्ट षड्यंत्रों को जुनून और ताकत से नाकाम कर दिया जाएगा।
शाम की शांतिपूर्ण सभा कांग्रेसी शॉन स्टिल के भाषण से शुरू हुआ। उन्होंने हिंदू समुदाय के तीव्र विरोधों का समर्थन किया। इसके साथ ही अमेरिकी सरकार, विदेश विभाग से बांग्लादेश में हस्तक्षेप करने और हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य सांसद भी बांग्लादेश में हिंदू संपत्तियों की बर्बर हत्याओं, बलात्कारों, लूटपाट और जलाने की निंदा में शामिल होंगे।
शॉन स्टिल ने याद दिलाया कि ये अत्याचार बहुत लंबे समय से जारी हैं और यह समय आ गया है कि सामाजिक न्याय के इस खुले तौर पर किए जा रहे दुरुपयोग को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए। स्थानीय अटलांटा के प्रतिनिधि शेख रहमान ने भी हिंदू समुदाय की भावनाओं का समर्थन किया और आश्वासन दिया कि वह बांग्लादेश शासन तक जोरदार तरीके से आपकी बात पहुंचने, हिंसा को रोकने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।
प्रदर्शनकारियों ने बड़े बैनर, तख्तियां, अमेरिकी और भारतीय झंडे प्रदर्शित किए। इस दौरान 'हिंदू लाइव्स मैटर', 'वी वांटेड जस्टिस', 'यूनाइटेड नेशंस वेक अप', 'जागो जागो, हिंदू जागो' जैसे नारे लगाए गए। । लोगों के भीतर बांग्लादेश में व्यापक हिंदू नरसंहार पर स्पष्ट दुख था, लेकिन शांतिपूर्ण हिंदू जीवन शैली को बाधित करने की कोशिश करने वाले दुष्टों के दुष्ट डिजाइनों से मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में अथक प्रयास करने के लिए 1.2 + बिलियन हिंदुओं को एकजुट करने की प्रतिबद्धता और उत्साह भी था।
इस कार्यक्रम के आयोजक धीरू शाह, अमितभ शर्मा और राजीव मेनन थे, जो जीवंत अटलांटा हिंदू समुदाय का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट रूप से जोर दिया कि यह बांग्लादेश का उथल-पुथल सीमित या अलग-थलग नहीं है और केवल एक संगठित हिंदू एकता दुनिया भर में इसी तरह के खतरे और अराजकता को अन्य दरवाजों पर आने से रोकेगी।
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