Login Popup Login SUBSCRIBE

ADVERTISEMENTs

चीन का दावा : अरुणाचल हमारा है, भारत का कब्जा अवैध

इस महीने यह चौथा मौका है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे की बात कही है।  

भारत ने बीजिंग के दावे को 'बेतुका' और 'हास्यास्पद' बताकर खारिज कर दिया है। / Demo Image : NIA

चीन ने एक बार फिर दावा किया है कि अरुणाचल प्रदेश 'हमेशा से उसका' इलाका रहा है। हालांकि हर बार की तरह भारत ने बीजिंग के दावे को 'बेतुका' और 'हास्यास्पद' बताकर खारिज कर दिया है। सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के दावे पर प्रतिक्रिया करते हुए अपने दावे को दोहराया। जबकि भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार दावों को हास्यास्पद बताया और कहा कि सीमावर्ती राज्य हमेशा से 'भारत का स्वाभाविक हिस्सा' था।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) के प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (ISAS) में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने एक व्याख्यान के बाद अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा कि यह कोई नया मसला नहीं है। ये दावे शुरू में हास्यास्पद थे और आज भी हास्यास्पद बने हुए हैं। हम इस मामले पर बहुत स्पष्ट और बहुत सुसंगत रहे हैं। 

उधर, भारत के विदेशमंत्री के इस बयान पर चीनी प्रवक्ता लिन ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा का निर्धारण कभी नहीं हुआ। चीन-भारत सीमा का कभी भी परिसीमन नहीं किया गया है और इसे पूर्वी, मध्य, पश्चिमी और सिक्किम खंड में विभाजित किया गया है।

लिन ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में जांगनान (अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम) हमेशा से चीन का क्षेत्र रहा है। चीन ने 'भारत के अवैध कब्जे तक' इस क्षेत्र पर हमेशा प्रभावी प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया था। यह एक 'बुनियादी तथ्य' है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता। 

लिन ने कहा कि 1987 में भारत ने चीनी इलाके के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र पर तथाकथित 'अरुणाचल प्रदेश' का गठन कर दिया। उस समय चीन ने तुरंत एक बयान जारी कर इसका कड़ा विरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत का कदम अवैध और अमान्य था। इस मामले पर तभी से चीन की स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। 

आपको बता दें कि इस महीने यह चौथा मौका है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे की बात कही है।  

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related