सिविल अधिकारों की सुरक्षा के लिए समर्पित एक एडवोकेसी थिंक टैंक कास्टफाइल्स (CasteFiles) ने रटगर्स विश्वविद्यालय (Rutgers University) और प्रोफेसर ऑड्रे ट्रश्के के खिलाफ टाइटल VI की शिकायत दर्ज की है। शिकायत में रटगर्स द्वारा अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए उपायों को लागू करने में विफलता का हवाला दिया गया है। उन्हें 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम के टाइटल VI द्वारा गारंटीकृत उत्पीड़न और भेदभाव से मुक्त शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित किया गया है।
हाल ही में, प्रोफेसर ट्रश्के की सह-अध्यक्षता में रटगर्स विश्वविद्यालय के एक वर्कफोर्स ने 'रटगर्स में अमेरिकी उच्च शिक्षा में जाति आधारित भेदभाव' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
कास्टफाइल्स को चिंता है कि यह जाति रिपोर्ट औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त है। यह पूरी तरह से कमजोर, अनुमान पर आधरित, सुनी-सुनाई गई बातों पर आधारित, अवैज्ञानिक और अप्रमाणित जाति भेदभाव की कहानी को कायम रखती है। वर्क फोर्स (जिसकी सह-अध्यक्षता प्रोफेसर ट्रश्के ने की थी) स्वीकार करता है कि रटगर्स के पास या पूरे अमेरिका में ऐसा कोई व्यवस्थित डेटा नहीं है जो यह साबित करे कि हिंदू अमेरिकी जाति के आधार पर भेदभाव करते हैं। वर्क फोर्स की तरफ से रटगर्स की गैर-भेदभाव नीति में जाति को एक संरक्षित श्रेणी के रूप में जोड़ने की सिफारिश के आधार पर पांच कमजोर अनुमानित गवाहियां हैं।
कास्टफाइल्स के संस्थापक रिचा गौतम ने कहा, 'यह सवालिया निशान है कि एक विश्वविद्यालय इक्वल ट्रीटमेंट क्लाउज का उल्लंघन क्यों करेगा। महजल एक रिपोर्ट जारी की जा सके जो कमजोर, अनुमान पर आधारित कहानियों पर निर्भर करती है। वह तब जब खासकर परिसर में भारतीय मूल के छात्रों की एक बड़ी आबादी है। इसके अलावा जाति भेदभाव के सबूत का समर्थन करने के लिए कोई डेटा नहीं है।
कास्टफाइल्स के निदेशक अभिजीत बागल द्वारा किए गए शोध ने रटगर्स विश्वविद्यालय की अपने छात्रों को भेदभाव और उत्पीड़न से बचाने में विफलता को बयां किया है। उन्होंने हाल के कई शिकायतों और मुकदमों का हवाला दिया है जो विश्वविद्यालय की कमियों को उजागर करते हैं। हाल ही में रटगर्स को गैर-समावेशी होने के लिए चुनौती दी गई थी। इन शिकायतों की लिस्ट इस तरह से है।
हालांकि रटगर्स के नेतृत्व ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया। इसके बजाय इसने प्रोफेसर ट्रश्के को बोलने की शैक्षणिक स्वतंत्रता के नाम और अधिकार दे दिया। इतना ही नहीं, रटगर्स ने प्रोफेसर ट्रश्के को जाति कार्य बल का सह-अध्यक्ष भी बनाया, यह जानते हुए कि हिंदू विरोधी भेदभावपूर्ण दुर्भावना का उनका इतिहास है।
कास्टफाइल्स के अनुसार यह निर्णय रटगर्स के हिंदू छात्रों के प्रति उदासीनता और यहां तक कि पर्याप्त सबूतों के बिना औपनिवेशिक मानसिकता का उपयोग करके हिंदू छात्रों को टारगेट करने के छिपे मकसद में मिलीभगत का संकेत देता है। कास्टफाइल्स रटगर्स विश्वविद्यालय से सभी छात्रों को भेदभाव और उत्पीड़न से बचाने और नागरिक अधिकार अधिनियम द्वारा इच्छित विविधता और समावेश के मूल्यों को बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करता है। यदि आप जाति और जाति के बारे में सच्चाई को समझने में रुचि रखते हैं, तो कास्ट फाइल्स वेबसाइट www.castefiles.com पर जाएं या info@castefiles.com पर ईमेल करें और बातचीत का हिस्सा बनें।
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