इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज़ और सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने 12 फरवरी को घोषणा की कि उसने कनाडा के इमिग्रेशन और रिफ्यूजी प्रोटेक्शन रेगुलेशंस में बदलाव किए हैं, जिससे अस्थायी निवास दस्तावेजों को रद्द करने के अधिकार मजबूत हो गए हैं। ये नए नियम 31 जनवरी से लागू हो चुके हैं और इसके तहत सीमा अधिकारियों को स्टडी परमिट, वर्क परमिट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन (eTA) रद्द करने के अधिक अधिकार मिल गए हैं।
भारतीय छात्रों पर असर
इन नए नियमों से कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए अनिश्चितता बढ़ सकती है। यदि किसी छात्र की स्थिति में बदलाव आता है या वह पात्र नहीं रहता, तो उसका वीज़ा या परमिट रद्द किया जा सकता है।
नियमों के अनुसार, अगर किसी छात्र ने गलत जानकारी दी है, उसका आपराधिक रिकॉर्ड है या यदि वह स्थायी निवास (PR) के लिए आवेदन करता है, तो उसका परमिट रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर अधिकारी को संदेह होता है कि छात्र अपनी अधिकृत अवधि के अंत तक कनाडा नहीं छोड़ेगा, तो भी उसका वीजा रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि किसी छात्र का वीजा खो जाता है, चोरी हो जाता है, नष्ट हो जाता है या उसे छोड़ दिया जाता है, तो वह भी निरस्त किया जा सकता है।
भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट की आशंका
2024 तक कनाडा में लगभग 4,33,477 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन 2025 में इनकी संख्या में 30 प्रतिशत तक गिरावट का अनुमान है। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें छात्रों का नामांकित कॉलेज में न पहुंचना और नए नियमों के कारण बढ़ी चुनौतियां शामिल हैं। नए नियम भारतीय छात्रों के लिए कनाडा में पढ़ाई और भविष्य की योजनाओं को और मुश्किल बना सकते हैं।
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