भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने देश में खालिस्तानी चरमपंथ की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।
चंद्र आर्य की प्रतिक्रिया रेड एफएम कैलगरी के न्यूज डायरेक्टर ऋषि नागर पर हमले के बाद आई है। यह हमला कैलगरी में गुरुद्वारा दशमेश सांस्कृतिक केंद्र में एक घटना की रिपोर्टिंग किए जाने के बाद किया गया था। इस मामले में आर्म्स एक्ट से संबंधित आरोपों में भारतीय मूल के दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए लिबरल पार्टी के सदस्य आर्य ने पत्रकारों को निशाना बनाने की एक के बाद एक हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र किया। इन हमलों के शिकार लोगों में मुख्य रूप से भारतीय मूल के पत्रकार हैं। आर्य ने कहा कि मैं कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर हमलों से बेहद चिंतित हूं।
आर्य ने खालिस्तान विरोधी कवरेज के लिए रिचमंड बीसी में रेडियो एएम600 के समीर कौशल पर मार्च में हुए हमले सहित पिछली घटनाओं का भी ब्यौरा दिया। इससे पहले फरवरी 2022 में ब्रैम्पटन रेडियो के होस्ट दीपक पुंज पर उनके स्टूडियो में हमला किया गया था।
आर्य ने एंटी टेरर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट मोचा बेजिरगन के मामले का भी उल्लेख किया जिन्हें खालिस्तानी चरमपंथ पर निडर रिपोर्टिंग के लिए जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा है।
सांसद ने कानून व्यवस्था एजेंसियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, इन घटनाओं को अंजाम देने वालों से बेहद सख्ती के साथ निपटना होगा।
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