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विजिटर्स वीजा वाले अब वर्क परमिट के लिए नहीं कर सकेंगे आवेदन, कनाडा का नया झटका

IRCC का कहना है कि इस नीति को खत्म करना अस्थायी निवासियों की संख्या को सीमित करने और आव्रजन प्रणाली की अखंडता बनाए रखने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

यह नीति कोरोना काल में यात्रा प्रतिबंधों के दौरान अगस्त 2019 में शुरू की गई थी। / Photo Credit - Pexels

कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा पर देश में रह रहे अस्थायी नागरिकों को बड़ा झटका दिया है। इन नागिरकों को अब वर्क परमिट के लिए आवेदन करने का अधिकार नहीं होगा। इस संबंध में लागू नीति को सरकार ने रद्द कर दिया है। 

यह नीति कोरोना काल में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के दौरान अगस्त 2019 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सीमा बंद होने की वजह से फंसे आगंतुकों की मदद करना था। अब 28 अगस्त से इसे खत्म कर दिया गया है। हालांकि सरकार की तरफ से बताया गया है कि 28 अगस्त को नीति समाप्त होने से पहले जमा आवेदनों पर विचार किया जाएगा। 

कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी एवं नागरिकता विभाग (IRCC) ने बयान में कहा कि इस नीति को खत्म करना अस्थायी निवासियों की संख्या को सीमित करने और आव्रजन प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। विभाग ने आगे कहा कि हमें पता है कि कुछ गलत लोग इस नीति का इस्तेमाल विदेशी नागरिकों को बिना समुचित मंजूरी के कनाडा में काम करने के अधिकार को लेकर गुमराह कर रहे थे।

वैसे यह नीति 28 फरवरी 2025 को खत्म होने वाली थी, लेकिन IRCC ने इसे एक साल पहले ही खत्म करने का फैसला कर लिया। इसके तहत विजिटर्स को कनाडा छोड़े बिना वर्क परमिट के लिए आवेदन करने की छूट मिलती थी। यह ऐसे लोगों के लिए भी मददगार थी जिन्हें नए परमिट की प्रतीक्षा करते हुए कानूनी रूप से काम करने के लिए वर्क परमिट मिला था।

सरकार का यह कदम इस नीति के दुरुपयोग और आव्रजन धोखाधड़ी की खबरों के बाद आया है। पिछले साल कनाडा में 700 भारतीय छात्रों को शिक्षण संस्थानों के फर्जी स्वीकृति पत्रों के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद IRCC ने धोखाधड़ी से निपटने के लिए 10 दिनों के भीतर स्वीकृति पत्रों का वेरिफिकेशन अनिवार्य करने और अगले दो साल तक अंतरराष्ट्रीय छात्र के दाखिलों की सीमा तय करने जैसे कदम उठाए हैं।

इसके अलावा IRCC ने अस्थायी विदेशी वर्कर कार्यक्रम (TFWP) की कम वेतन वाली धारा के तहत श्रम बाजार प्रभाव आकलन (LMIA) को भी निलंबित करने का ऐलान किया है। यह बदलाव 26 सितंबर 2024 से लागू होगा। इसके दायरे में 6% या उससे अधिक बेरोजगारी दर वाले क्षेत्र आएंगे।
 

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