कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित करने वाली कई घोषणाएं की हैं। सबसे अहम कदम यह है कि अध्ययन परमिट पर सीमा तय कर दी गई है। कनाडाई आव्रजन मंत्री मार्क मिलर के अनुसार यह सीमा देश में अस्थायी निवासियों की संख्या को कम करने के लिए तय की गई है क्योंकि कनाडा 2026 तक आबादी के 6.5 प्रतिशत अस्थायी निवासियों के अनुपात को कम करके 5 प्रतिशत पर लाना चाहता है।
मिलर ने कहा कि हमने अब तक जो उपाय किए हैं वे कारगर साबित हुए हैं लेकिन सरकार को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त कार्रवाई की आवश्यकता है। आवास और स्वास्थ्य सेवा पर बढ़ते दबाव के बीच ये बदलाव आए हैं। इसका कारण अस्थायी प्रवासियों की संख्या में तेज वृद्धि है। .
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने X पर पोस्ट किया- हम इस वर्ष 35 प्रतिशत कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट दे रहे हैं। अगले वर्ष यह संख्या 10 प्रतिशत और कम हो जाएगी। अप्रवासन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक लाभकारी है लेकिन जब इससे जुड़ी व्यवस्थाओं का कुछ लोग दुरुपयोग करने लगते हैं तो कड़े कदम उठाने पडते हैं।
इस वर्ष की शुरुआत में पेश की गई 2024 के लिए राष्ट्रीय अध्ययन परमिट सीमा के परिणामस्वरूप पहले से ही नए परमिटों में अपेक्षा से अधिक कमी आ रही है। अनुमान के अनुसार कुछ उत्तर-माध्यमिक कार्यक्रमों के लिए 50 प्रतिशत की कमी का संकेत मिल रहा है। मंत्री ने यह भी पुष्टि की कि सीमा 2026 तक लागू रहेगी, परमिट संख्या 2024 के स्तर से 10 प्रतिशत कम हो जाएगी।
स्नातक छात्रों और अध्ययन के बाद के काम के अधिकार
एक महत्वपूर्ण घटनाक्र्म के तहत इस व्यवस्था में 2025 और 2026 के लिए मास्टर और पीएचडी छात्रों को शामिल करने का निर्णय शामिल है। मिलर ने बताया कि कनाडाई श्रम बाजार में उनके द्वारा लाए गए लाभों को देखते हुए हम इन छात्रों के लिए आवंटन स्थानों का लगभग 12 प्रतिशत आरक्षित करेंगे। हालांकि अंतरराष्ट्रीय कॉलेज स्नातकों को पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) पर प्रतिबंध रहेगा, किंतु केवल उच्च मांग वाले श्रम क्षेत्रों के स्नातक ही 1 अक्टूबर, 2024 के बाद वर्क परमिट के पात्र होंगे।
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