कनाडा की फेडरल सरकार ने विदेशी कर्मचारियों की संख्या में कटौती के नए उपाय का ऐलान किया है। सरकार ने टेंपरेरी फॉरेन वर्कर (टीएफडब्ल्यू) प्रोग्राम का दुरुपयोग और धोखाधड़ी रोकने के नाम पर इन नियमों की घोषणा की है।
रोजगार मंत्री रैंडी बोइसोनाल्ट ने योजना का खुलासा करते हुए इससे देश में अस्थायी विदेशी कामगारों की संख्या में 65,000 की कमी आने की संभावना जताई है। इसका उद्देश्य योग्य कनाडाई कामगारों को नौकरी में प्राथमिकता देना है।
संयुक्त राष्ट्र के इन्वेस्टिगेटर टोमोया ओबोकाटा की एक रिपोर्ट में कनाडा के अस्थायी विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम की तुलना 'गुलामी के समकालीन रूपों के उपजाऊ आधार' से किए जाने के बाद सरकार का यह कदम सामने आया है।
21 अगस्त को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्हें अब इतनी ज्यादा संख्या में अस्थायी विदेशी कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। कनाडाई कारोबारियों को कम लागत वाले विदेशी कामगारों पर निर्भरता बढ़ाने के बजाय ट्रेनिंग व तकनीक में निवेश करने की आवश्यकता है।
ट्रूडो ने आगे कहा था कि यह परंपरा अच्छी नौकरी खोजने के लिए संघर्ष कर रहे कनाडाई लोगों के लिए सही नहीं है। यह ऐसे कुछ अस्थायी विदेशी कामगारों के लिए भी ठीक नहीं है जो अपने साथ दुर्व्यवहार और शोषण का आरोप लगाते हैं।
नए उपायों के तहत कनाडाई सरकार उन महानगरीय क्षेत्रों में कम वेतन पर विदेशी कामगारों की नियुक्ति के आवेदनों को मंजूरी नहीं देगी जहां बेरोजगारी दर छह प्रतिशत या अधिक है। इतना ही नहीं, व्यवसायों में कुल वर्कफोर्स के 10 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी टेंपरेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम के नहीं हो सकेंगे।
इसके अलावा कम वेतन पर रखे जाने वाले कामगारों के लिए कार्य की अधिकतम अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी। हालांकि खाद्य सुरक्षा, निर्माण और स्वास्थ्य देखभाल जैसे आवश्यक क्षेत्रों में मौसमी और गैर-मौसमी नौकरियों में इस नियम से छूट मिलेगी।
ये बदलाव 26 सितंबर से प्रभावी होने वाले हैं। अगले 90 दिनों में सरकार बेरोजगारी दर और अन्य पहलुओं के मद्देनजर उच्च वेतन पाने वाले अस्थायी कामगारों संबंधी नीतियों को भी रिव्यू करेगी और देखेगी कि उनमें संशोधन की जरूरत है या नहीं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login