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मोदी पर मीडिया अटकलों को नकारा, क्या भारत संग रिश्ते सुधारने का संकेत दे रहा है कनाडा?

कनाडा सरकार द्वारा भारत के शीर्ष नेतृत्व को गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाली ताजा मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करने के बाद आरोपों का सिलसिला फिलहाल थम गया प्रतीत होता है। कनाडा के अचानक बदले सुर के पीछे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने का भी हाथ माना जा रहा है।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो। / REUTERS/Caitlin Ochs/File Photo

पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को देखकर लग रहा है कि कनाडा और भारत के रिश्ते फिर से पटरी पर आने की राह पर हैं। दोनों मुल्कों के बीच जो डिप्लोमैटिक खटास पैदा हुई थी, वो अब धीरे-धीरे कम होती दिख रही है।

कनाडा की तरफ से कुछ कदम इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर, भारत जाने वाले यात्रियों की कनाडाई एयरपोर्ट्स पर बढ़ाई गई सिक्योरिटी चेकिंग को कुछ ही देर में वापस ले लिया गया। इसे एक पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है। इसी तरह, कथित तौर पर भारत सरकार के एजेंट्स पर कनाडा में गंभीर अपराध करने के आरोपों को भी आधिकारिक तौर पर खारिज कर दिया गया है। ये सब दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के संकेत दे रहे हैं। 

हालांकि, जी-20 समिट रियो डी जेनेरियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन ट्रूडो की कोई द्विपक्षीय मीटिंग नहीं हुई। लेकिन समिट के आखिर में जो माहौल दिखा, खासकर लीडर्स की ग्रुप फोटो के दौरान, वह पिछले कुछ समय के नागवार राजनीतिक और कूटनीतिक विवादों से राहत की सांस लेने जैसा है।

हाल ही में एक बड़े कनाडाई अखबार में आई रिपोर्ट में फिर से भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों के खिलाफ कनाडा में हुई हिंसा के लिए भारत के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई। लेकिन कनाडा सरकार ने तुरंत इस रिपोर्ट को 'अटकलों पर आधारित और गलत' बताते हुए खारिज कर दिया। 

कनाडा के अचानक बदले सुर के पीछे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने का भी हाथ माना जा रहा है।

कनाडा के प्रधानमंत्री के डिप्टी क्लर्क ऑफ द प्रिवी काउंसिल और नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस एडवाइजर, नथाली जी. ड्रॉइन ने एक बयान जारी कर कहा था, '14 अक्टूबर को जनता की सुरक्षा के लिए एक बड़े और लगातार खतरे के चलते, RCMP और अधिकारियों ने कनाडा में भारत सरकार के एजेंटों द्वारा किए गए गंभीर आपराधिक गतिविधियों के आरोपों को सार्वजनिक करने का असाधारण कदम उठाया। कनाडा सरकार ने न तो कहा है और न ही उसके पास ऐसा कोई सबूत है जो प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर या NSA डोभाल को कनाडा में हुई गंभीर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ता हो। इसके विपरीत कोई भी सुझाव अटकलों पर आधारित और गलत है।' 

बता दें कि इससे पहले कनाडा के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के खुलासों में भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े होने का भी आरोप लगाया गया था। भारत सरकार इन सभी आरोपों को बेतुका और बदनामी करने वाला बताते हुए खारिज करती रही है।

लेकिन कनाडा सरकार द्वारा भारत के शीर्ष नेतृत्व को गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाली ताजा मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करने के बाद आरोपों का सिलसिला फिलहाल थम गया प्रतीत होता है। कूटनीतिक हलकों में इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बदलते माहौल के अनुसार चीजें बदल सकती हैं। 

 

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