1990 में 'अमेरिकन्स विद डिसेबिलिटीज एक्ट' (ADA) कानून बनाकर अमेरिका ने विकलांगों के लिए समावेशिता और समान अवसर देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने इस कानून पर हस्ताक्षर किए। डेमोक्रेट और रिपब्लिकन ने मिलकर इसको आगे बढ़ाया।
ADA अमेरिका में विकलांग लोगों के अधिकारों के लिए एक अहम कदम था। इसने यह सुनिश्चित किया कि जगहें सुलभ बनाई जाएं और भेदभाव खत्म हो। तीन दशकों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद जब हम देखते हैं कि कितनी तरक्की हुई है, तो यह साफ है कि जगहों को सुलभ बनाने और डिजिटल दुनिया में सुलभता आने से ज्यादा सुधार हुआ है। लेकिन अमेरिका में विकलांग लोगों के लिए वास्तविक आर्थिक सशक्तिकरण अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
इसे लेकर आंकड़ों से एक दर्दनाक सच्चाई सामने आती है। 2018 में विकलांगों में से दो-तिहाई कॉलेज ग्रेजुएट बेरोजगार हैं। यह अर्थव्यवस्था में उनके शामिल होने में एक बड़ा अंतर दिखाता है। 40 मिलियन अमेरिकी विकलांगों में से केवल 15% के पास कॉलेज की डिग्री है। 2008 से 2018 तक विकलांगों के लिए औसत आय में $20,136 से $22,947 प्रति वर्ष की तुलना में महज $2,811 का इजाफा हुआ। ये आंकड़े आबादी के इस हिस्से को पूरी तरह शामिल होने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की वास्तविकता को दर्शाते हैं।
अब समय आ गया है कि एक नया अध्याय शुरू हो। एक प्रस्ताव जिसे हम 'VOSAP (Voice of Specially Abled People) ADA 2.0' कहते हैं। अमेरिका और भारत में विकलांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपने अनुभव से सीखते हुए VOSAP महत्वपूर्ण सुझाव देता है। यह बताता है कि लक्षित नीतियां कैसे वास्तविक बदलाव ला सकती हैं। जैसे ADA ने भौतिक बाधाओं को समाप्त किया, वैसे ही ADA 2.0 को आर्थिक बाधाओं को तोड़ने पर ध्यान देना चाहिए।
यह एक नए सिरे से राजनीतिक समर्थन की मांग है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विकलांग व्यक्ति स्वतंत्र और आर्थिक रूप से उत्पादक जीवन जी सकें। यह सपना सिर्फ एक आकांक्षा नहीं है, इसके लिए दोनों पक्षों का सहयोग जरूरी है। यह मानव अधिकारों और समावेशिता को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी नेतृत्व और हिम्मत लाएगा। यह विकलांग अमेरिकियों को सक्षम बनाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल करेगा।
ADA 2.0 एक ऐसे समाज की कल्पना करता है जहां हर अमेरिकी विकलांग व्यक्ति को नए सहायक उपकरणों तक पहुंच हो, चाहे उसकी लागत कितनी भी हो। यह अमेरिकियों को विकलांगों के आर्थिक समावेश को बढ़ावा देने के लिए व्यापक टैक्स छूट की वकालत भी करता है।
ADA 2.0 का लक्ष्य विकलांग लोगों के लिए मुफ्त कॉलेज शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें सभी जरूरी अतिरिक्त खर्च शामिल हों। इसके अलावा जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, ऐसे विकलांग उद्यमियों के लिए कम ब्याज वाले लोन होना चाहिए । असल में, इस तरह के विश्वस्तरीय सुलभ बुनियादी ढांचे और संसाधनों के साथ अमेरिका में हमारे पास तकनीकी फायदे हैं। अब हम विकलांगता क्षेत्र से खरबों डॉलर का आर्थिक योगदान देख सकते हैं।
1990 में ADA की तरह 26 साल बाद भारत ने भी 2016 में अपने नागरिकों के लिए विकलांगों के अधिकारों के लिए एक व्यापक नया कानून बनाया। इस कानून ने लाखों लोगों के लिए सुविधाओं में सुधार, अधिकारों को बढ़ावा देने और अवसर बढ़ाने की बुनियाद रखी है। VOSAP ने तब से भारत के 23 राज्यों में काफी तरक्की की है। 27,000 से अधिक लोगों को सहायक उपकरणों और शल्य चिकित्सा के जरिए सक्षम किया है। इसके साथ ही कई लोग गरीबी से बाहर निकल आए हैं।
VOSAP ने अपने किए गए काम के डेटा के आधार पर भारत के वित्त मंत्री को एक आर्थिक मॉडल पेश किया है, जो विकलांगता क्षेत्र के संभावित योगदान को दर्शाता है। ADA 2.0 में उल्लिखित उचित प्रोत्साहन और सहायक नीतियों के साथ अमेरिका के लिए एक इसी तरह का मॉडल, बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। यह सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को तेज कर सकता है। यह सुनिश्चित कर सकता है कि अमेरिकी विकलांग लोग पीछे न रहें। अमेरिका अपने बुनियादी ढांचे के मामले में बहुत आगे है, इसलिए VOSAP के ADA 2.0 दृष्टिकोण के साथ बहुत जल्दी परिणाम संभव हैं।
ADA 2.0 टैक्स छूट के साथ बिजनेस फ्रेंडली पॉलिसी पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही सीखने और कमाने के लिए समर्थन प्रदान करता है। विकलांग अमेरिकियों की क्षमता का उपयोग उनके आर्थिक योगदान के लिए सहायक उपकरणों के साथ काम करता है और उनके कल्याण पर सरकारी खर्च को बचाने में मदद करता है। यह दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि विकलांग अमेरिकियों के जीवन की गुणवत्ता बहुत बेहतर हो। साथ ही, ADA 2.0 सामाजिक समानता और आर्थिक समृद्धि दोनों का रास्ता प्रदान करता है, जो हर चुने हुए प्रतिनिधि की प्राथमिकताओं को आकर्षित करता है।
ADA 2.0 का दृष्टिकोण बहुत महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है। 40 मिलियन विकलांग अमेरिकियों के लिए अवसर के दरवाजे खोलने के लिए सभी पक्षों का समर्थन जरूरी है। हमें कांग्रेस और सीनेट में अपने प्रतिनिधियों से इस बदलाव लाने वाले दृष्टिकोण का समर्थन करने का आग्रह करना चाहिए। यह एक ऐसी पहल होगी जो विकलांग अमेरिकियों को अपनी क्षमता को साकार करने में मदद करेगी।
यह समय ADA की उल्लेखनीय प्रगति पर आगे बढ़ने और सच्ची समावेशिता की दिशा में अगला कदम उठाने का है। यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक स्वतंत्रता हर व्यक्ति के लिए एक वास्तविकता बन जाए, चाहे उनकी विकलांगता कुछ भी हो।
(लेखक प्रणव देसाई कैलिफोर्निया स्थित गैर-लाभकारी संगठन वॉयस ऑफ स्पेशली एबल्ड पीपल (VOSAP) के संस्थापक हैं।)
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