रिटायरमेंट को वैसे तो अक्सर आनंददायक और आरामदायक समय के रूप में देखा जाता है लेकिन कई बार इसके साथ शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी आती हैं। इस दौरान असीमित खाली समय मिलता है, जो अच्छा प्रतीत होता है लेकिन सेवानिवृत्ति का यह समय मानसिक एवं शारीरिक संबंधी परेशानियों से निपटने का समय भी साबित हो सकता है।
रिटायर होने वाले लोग कई बार यह सोचकर चिंतित हो जाते हैं कि वे नौकरी के दौरान की नियमित जीवनचर्या और सामाजिक संपर्कों के बिना मानसिक और शारीरिक रूप से कैसे फिट रहेंगे। इसके अलावा एक बड़ी चिंता वित्तीय स्थिरता की भी होती है क्योंकि अगर जेब में पैसे खत्म होने की चिंता लगी हो तो सेवानिवृत्ति का आनंद भी फीका पड़ सकता है।
दुर्भाग्य से ज्यादातर लोग अपने इन गोल्डन टाइम के लिए पहले से तैयार नहीं होते हैं। इसकी एक वजह ये है कि हमें स्कूलों में वित्तीय स्थिरता के बारे में शायद ही कभी पढ़ाया गया हो। इस मौलिक समझ के न होने पर कई लोग अच्छी रणनीति के बिना रिटायर हो जाते हैं। उस स्थिति में कई लोगों के लिए सुरक्षित और खुशहाल जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है।
हम जीवन में पैसे बचाने की अहमियत तो जल्दी सीख जाते हैं लेकिन धन जमा करने के साथ साथ निवेश भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। अगर बचत कम हो तो संतुष्टिदायक सेवानिवृत्ति की गारंटी भी नहीं होती है। निवेश करके आप समय के साथ अपने पैसे के मूल्य में वृद्धि कर सकते हैं। आपका जमा धन बढ़ती उम्र में आपको वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगा। नियमित बचत और निवेश का आदत जितनी जल्दी डाल ली जाए, उतनी ही फायदेमंद होती है और आपके पास अच्छी खासी रकम इकट्ठा हो सकती है।
एक अच्छी तरह से सोच विचार कर बनाए गए रिटायरमेंट प्लान में समय के साथ बढ़ती महंगाई, निवेश में विविधता और स्वास्थ्य देखभाल के अप्रत्याशित खर्चों का ध्यान रखा जाना चाहिए। अलग अलग निवेश से रिस्क का खतरा कम हो जाता है। महंगाई बढने पर भी आपकी क्रय शक्ति कायम रहती है।
सेवानिवृत्त लोग इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण को अपनाकर अपने पैसों का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं और अपनी पूंजी जमा कर सकते हैं। आपको अपने बजट के हिसाब से जल्द से जल्द वित्तीय बफर तैयार करना चाहिए जिससे आपको सेवानिवृत्ति के दौरान आदर्श जीवन स्तर बनाए रखने में मदद मिले।
सेवानिवृत्ति पूर्णता, रोमांच और उद्देश्यपूर्ति का अवसर होना चाहिए। यह ऐसा समय है जब आप खुद को उन रुचियों और गतिविधियों के लिए समर्पित कर सकते हैं जिनके लिए पहले आपके पास समय नहीं था। जिस तरह से मजबूत वित्तीय स्थिति होना महत्वपूर्ण है, उसी तरह से यात्रा, स्वयंसेवा, कलात्मक कार्यों और अन्य शौक पूरे करना भी अहमियत रखता है। इन गतिविधियों से आप अपने शरीर और मन को सक्रिय रखते हुए जीवन बिता सकते हैं।
आप समय के साथ अपनी पूंजी में कमी को रोक सकते हैं और विवेकपूर्ण निवेश निर्णय लेकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी आय आपके खर्चों से अधिक हो। इस तरह की वित्तीय योजना से आप पैसों की चिंता किए बिना अपनी सेवानिवृत्ति का आनंद लेने पर ध्यान लगा सकते हैं। बजट बनाने से आप पैसों की चिंता किए बिना अपने शौक पूरे कर सकेंगे। यह आपके संसाधनों को विवेकपूर्ण ढंग से आवंटित करने में सहायता करता है ताकि आपके पास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रकम हो।
अगर कोई व्यक्ति खुद को बौद्धिक और शारीरिक रूप से सक्रिय रखे और यात्रा व रचनात्मक कार्य जैसी गतिविधियों में भाग लेता रहे तो सेवानिवृत्ति भी काफी फायदेमंद लग सकती है। सेवानिवृत्ति असीम क्षमताओ, व्यक्तिगत विकास और वित्तीय स्थिरता का समय हो सकता है, यदि कोई जान ले कि क्या करना है। आवश्यक वित्तीय शिक्षा लेकर बुद्धिमान निर्णय करके संतोषजनक सेवानिवृत्ति और वित्तीय स्वतंत्रता हासिल की जा सकती है।
(लेखक सेवानिवृत्त इंजीनियर, निवेशक, लेखक और YouTuber हैं। वह 2015 में 52 साल की उम्र में कॉर्पोरेट नौकरी से रिटायर हुए थे। उनके YouTube चैनल का नाम 'थिंक एंड रिटायर' है। उन्होंने 'मेक मनी ट्रेडिंग लीडिंग स्टॉक्स' नाम की पुस्तक भी लिखी है।)
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