पुरस्कार विजेता कवि, अनुवादक, संपादक और प्रकाशक किरीति सेनगुप्ता की उपलबब्धियां अनेक हैं। अपने नवीनतम कविता संग्रह 'वननेस' में उन्होंने काव्यात्मक रूपों के एक आकर्षक मिश्रण से पाठकों को मुग्ध कर दिया है। हमारे पास हाइकु, छोटी कविताएं और यहां तक कि गद्य रचनाएं भी हैं।
विषय भी गपशप और ग्लैमर से लेकर भावनात्मक गहराई तक यात्रा करते हैं। यहां हमारे पास अंतरा मारवाह हैं जो रैंप पर चल रही हैं और अपने बेबी बंप को फ्लॉन्ट (दर्शा) कर रही हैं-- शी इज ऑल स्माइल्स एज शी/ ट्रैड्स, फ्लॉन्टिंग हर बेबी/ बंप। दि फैशन परेड/ लूम्स लार्ज इन दि न्यू अराइवल।
सोशलाइट की अपने अजन्मे बच्चे के साथ फैशन परेड की तुलना करने वाली यह यह कविता 'ऑन एग्जिट' में अत्यधिक व्यक्तिगत भावनाओं के विपरीत है जहां सेनगुप्ता द्रवित करने वाले शब्दों में लिखते हैं कि कैसे घी जो उनके लिए भोजन को स्वादिष्ट बनाता है वह भी उसके पिता की त्वचा पर लगा हुआ है क्योंकि पंडित ने उन्हे एक आश्वासन दिया था।
छह हाइकु गीतात्मक हैं और शब्दों के चयन में लगभग नाजुक हैं। फुल मून/ अक्रॉस दि लैडस्केप और फायरफ्लाइज जैसी कविताओँ में ध्वनि और भाव एक साथ आते हैं। हाइकु में गुप्त व्यंग्य भी है जिसमें कवि कहता है कि साहित्यिक चोरी पाठक की स्मृति की परीक्षा लेती है। वननेस न केवल पढ़ने लायक है बल्कि यह उस तरह का संग्रह है जो पाठक को इसमें प्रस्तुत की गई चीजों पर विचार करने और इसमें गहरे अर्थ खोजने के लिए प्रेरित करता है। कविताओं के साथ लगी तस्वीरें पाठ के साथ अर्थ का एक दृश्य-संबंध जोड़ती हैं।
प्राक्कथन : प्रो. निलुफ़र एरुच भरूचा, सह-निदेशक मुंबई मुएंस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज (MMIAS), मुंबई विश्वविद्यालय, भारत
वननेस की कविताएं असाधारण और ज्ञानवर्धक हैं। सेनगुप्ता पाठक को भारत और उससे आगे की यात्रा पर ले जाते हैं। वहां बरसाती तूफ़ान, अच्छा भोजन और बहुत कुछ है।
-लिया हूते दि मेन, पोइट इन रेजिडेंस इमेरिटा एट नॉर्दर्न केंटकी यूनिलर्सिटी
सेनगुप्ता के पास अंग्रेजी की अच्छी पकड़ है जो उनके संग्रह की हर कविता में दिखाई देती है। उनकी तुलना पूरी तरह से एलिजाबेथ बिशप से की जा सकती है।
-चार्ल्स बेन, जूनियर (लेखक पुलित्जर-प्रविष्टि संग्रह, द चैपबुक)
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