मिशिगन प्रतिनिधि सभा के सदस्य और भारतीय-अमेरिकी रंजीव पुरी ने कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों और चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों को हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान और कामयाब होने के लिए मंच प्रदान करना चाहिए।
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में रंजीव पुरी ने प्रतिनिधि मेगन श्रीनिवास और सोफिया अनवर के साथ हिस्सा लेते हुए ये बात कही। ये कार्यक्रम चुनाव लड़ने के फायदे और चुनौतियों तथा नेताओं के अपने अनुभवों पर केंद्रित था।
मिशिगन जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए रंजीव पुरी ने अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे अप्रवासी समुदायों तक पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित किया, जिनसे पहले उम्मीदवार या निर्वाचित प्रतिनिधि संपर्क तक नहीं करते थे। पुरी ने कहा कि कैंपेन के दौरान दर्जनों लोगों ने हमसे कहा था कि वे दशकों से यहां रह रहे हैं और ये पहली बार है जब किसी उम्मीदवार या निर्वाचित अधिकारी ने हमसे संपर्क किया है। उन लोगों की ये प्रतिक्रिया हमें ये सोचने पर मजबूर करती है कि हमें क्या कर रहे हैं और हमें आगे क्या करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में मेगन श्रीनिवास ने भारतीय मूल के प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें राजनीति में, कार्यालयों और सरकारी प्रतिष्ठानों में ज्यादा से ज्यादा आप लोगों की आवाज की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि समुदाय में आपके जैसे जितने लोग आपको दिखते हैं, उससे भी ज्यादा लोग हैं और वो आपसे उम्मीद लगाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस देश में एशियाई लोग सबसे तेजी से बढ़ती आबादी में से एक हैं, लेकिन हमारे पास पर्याप्त संख्या में प्रतिनिधित्व नहीं है। हम इस माहौल को बदल सकते हैं। अलग अलग समुदायों की विशिष्ट जरूरतों और समस्याओं के समाधान के लिए राजनीति में अलग अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व जरूरी है। ऐसे में विभिन्न पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को स्थानीय चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए।
एक आम व्यक्ति को चुनाव लड़ने से पहले क्या करना चाहिए, इस सवाल पर सोफिया अनवर ने कहा कि चुनावी मैदान में उतरने पर विचार करने से पहले समुदाय की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदारी जरूरी है। आप स्थानीय आयोग, बोर्ड, नगर परिषद की बैठकों और स्कूल बोर्ड की बैठकों में भाग ले सकते हैं और अपनी आवाज उठा सकते हैं। अनवर ने कहा कि शहर, राज्य, संघीय सरकारों की तरफ से कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि बहुत से लोगों को उनके बारे में जानकारी ही नहीं होती।
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