संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में झिलमिलाती रेत के बीच बना भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर अपने उद्घाटन के लिए तैयार है। 14 फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूज्य महंत स्वामी महाराज यूएई के गणमान्य नागरिकों और दुनिया भर के भक्तों की मौजूदगी में इसका उद्घाटन करेंगे।
अबू मुरीखा जिले में बना यह भव्य मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में पारंपरिक रूप से पत्थरों से बना पहला मंदिर है। यह न सिर्फ आध्यात्मिक महत्व बल्कि विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी प्रतीक है।
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के समर्पण से तैयार इस मंदिर की परिकल्पना अप्रैल 1997 में की गई थी। उस समय बीएपीएस के तत्कालीन प्रमुख एचएच प्रमुख स्वामी महाराज ने विभिन्न देशों, संस्कृतियों, समुदायों और धर्मों को एक साथ लाने के उद्देश्य से अबू धाबी में एक मंदिर बनाने का विचार आया था।
फरवरी 2018 में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने इस मंदिर के लिए जमीन उपहार में प्रदान की जो संयुक्त अरब अमीरात की अंतरधार्मिक पहचान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाता है। उसी महीने दुबई ओपेरा में प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना को आगे बढ़ाया।
दशकों से यूएई में हिंदु समुदाय साप्ताहिक सत्संगों, प्रार्थना सभाओं, आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से अपनी आस्था निभाते आए हैं। भारत से नियमित रूप से आध्यात्मिक नेताओं वहां की यात्रा करते रहते हैं, जिससे इस भावना को और मजबूती मिली। अप्रैल 2019 में मंदिर का शिलान्यास हुआ और अब जाकर मंदिर का सपना पूरा होने जा रहा है।
मंदिर के ऐतिहासिक उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता के लिए परम पावन महंत स्वामी महाराज 5 फरवरी को अबू धाबी पहुंच गए हैं। हवाई अड्डे पर उनका यूएई के मंत्री शेख नाहयान मुबारक अल नाहयान ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस दौरान शेख नाहयान ने महाराज से कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में आपका स्वागत है। हमारा राष्ट्र आपकी उपस्थिति से धन्य हो गया है। हम आपकी दयालुता से प्रभावित हैं। जवाब में महंत स्वामी महाराज ने कहा कि हम आपके प्यार और सम्मान से अभिभूत हैं। यूएई के नेता महान और बड़े दिल वाले हैं।
मंदिर के उद्घाटन के दौरान कई सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस फेस्टिवल ऑफ हार्मनी के माध्यम से विश्वास बढ़ाने, सामुदायिक सेवा की भावना को मजबूती देने और सभी पीढ़ियों व पृष्ठभूमि के लोगों के बीच सद्भाव बढ़ाने पर केंद्रित कार्यक्रम होंगे।
मंदिर परियोजना की देखरेख कर रहे ब्रह्मविहारीदास स्वामी ने कहा कि अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर वैश्विक सद्भाव के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह प्रमुख स्वामी महाराज की आध्यात्मिकता और यूएई, भारत की मित्रता का एक भव्य उदाहरण बनेगा।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login