भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को एविएशन वीक नेटवर्क की तरफ से लॉरेट अवॉर्ट से सम्मानित किया गया है। इंडियन स्पेस एजेंसी को यह पुरस्कार चंद्रयान-3 के जरिए वैश्विक एयरोस्पेस के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रदान किया गया है।
Another accolade for Chandrayaan-3!
— India in USA (@IndianEmbassyUS) March 18, 2024
On behalf of @ISRO, Cd'A Sripriya Ranganathan @ranganathan_sr received the prestigious @AviationWeek Laureates Award which recognizes extraordinary achievements in aerospace industry. The award noted #Chandrayaan-3’s landing at the lunar… pic.twitter.com/l1OJj2JfUw
लॉरेट अवॉर्ड्स के 66वें वार्षिक समारोह में इसरो की तरफ से श्रीप्रिया रंगनाथन ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। रंगनाथन वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में उप राजदूत हैं। इस वर्ष के विजेताओं को उनके पिछले वर्ष की उपलब्धियों के आधार पर चुना गया है।
यह पुरस्कार पांच विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, जो कि कमर्शल एविएशन, रक्षा, अंतरिक्ष, बिजनेस एविएशन और एमआरओ हैं। एविएशन वीक नेटवर्क की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इसरो को अंतरिक्ष श्रेणी में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया है।
नेटवर्क ने इसरो के चंद्रयान मिशन की तारीफ करते हुए कहा कि 2019 में चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान मिशन को नुकसान हुआ था लेकिन इसरो के अध्यक्ष श्रीधर सोमनाथ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को फिर से पटरी पर लेकर आए और इतिहास रच दिया। इसरो ने भारत को न सिर्फ चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश बना दिया बल्कि ऐसे पहले राष्ट्र का दर्जा भी दिला दिया जिसने चंद्रमा के दक्षिण में इतनी दूर लैंडिंग की है।
बता दें कि भारत का चंद्रयान मिशन सबसे किफायती चंद्र मिशन है। वह न सिर्फ चंद्रमा पर पानी की बल्कि दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि भी कर चुका है। वह भी महज 75 मिलियन डॉलर की लागत से, जो कि एक चौंकाने वाला आंकड़ा है।
एविएशन वीक और स्पेस टेक्नोलॉजी मैगजीन के संपादकीय निदेशक और प्रधान संपादक जो एंसेल्मो ने बताया कि 1957 से एविएशन वीक के संपादक हर साल उद्योग की महान उपलब्धियों और इसके इनोवेटर्स को सम्मानित करता आया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष दर्जनों नामांकन मिले थे, जिनमें से सख्त स्क्रीनिंग के बाद हमारे संपादकों ने सबसे बेहतर को चुना है। यह उद्योग की सीमाओं के विस्तार को मान्यता देने के लिए अथक प्रयासों का बेहतरीन उदाहरण है।
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