असमिया लेखक अरुणी कश्यप को साल 2024-25 का हार्वर्ड रेडक्लिफ इंस्टीट्यूट फेलो चुना गया है। यह प्रतिष्ठित फेलोशिप एक साल के लिए संस्थान के शानदार शैक्षणिक माहौल में महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है।
कार्ल एंड लिली फोर्जिमर फाउंडेशन के फेलो अरुणी कश्यप ने साहित्यिक अनुवाद में महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने असमिया उपन्यासों का अंग्रेजी में अनुवाद किया है और अंतर सांस्कृतिक साहित्यिक आदान-प्रदान को नई दिशा दी है।
कश्यप फिलहाल एथेंस के जॉर्जिया यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी और रचनात्मक लेखन के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वह अंग्रेजी और असमिया दोनों भाषाओं में समृद्ध साहित्यिक योगदान दे रहे हैं। उनकी प्रशंसित रचनाओं में उपन्यास 'द हाउस विद ए थाउजेंड स्टोरीज' और कहानी संग्रह 'हिज फादर्स डिजीज' शामिल हैं।
रेडक्लिफ इंस्टीट्यूट की 25वीं वर्षगांठ के लिए कठोर चयन प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसमें महज 3.3 प्रतिशत आवेदकों को ही प्रवेश दिया गया। इनमें कश्यप को फेलोशिप मिलना उनकी असाधारण प्रतिभा और समर्पण का सबूत है।
सम्मान मिलने पर कश्यप ने अपने दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और मेंटर्स को समर्थन के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि मैं यह खबर साझा करने के लिए रोमांचित हूं कि मैं हार्वर्ड रेडक्लिफ इंस्टीट्यूट में आगामी एक साल नया उपन्यास लिखने में बिताऊंगा। इस फेलोशिप को प्राप्त करके मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
कश्यप का यह नया उपन्यास अमेरिका और असम की विशिष्ट सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और साहित्यिक विशेषज्ञता पर आधारित होगा। उनका शोध हार्वर्ड विश्वविद्यालय के सम्मानित स्लेसिंगर लाइब्रेरी तक होगा, जो विविध कथाओं और ऐतिहासिक संदर्भों की उनकी खोज को समृद्ध करेगा।
रेडक्लिफ फैलोशिप कश्यप के रचनात्मक प्रयासों को आगे ले जाने में मदद करेगी। ये विचारकों और रचनाकारों के जीवंत समुदाय में कश्यप जैसे लोगों को अपने प्रोजेक्ट पूरा करने में विशेष सहयोग प्रदान करती है।
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