भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर हंगरी के बुडापेस्ट स्थित अमृता शेरगिल सांस्कृतिक केंद्र (ASCC) की तरफ से भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ एएससीसी के निदेशक डॉ. मुकेश कुमार श्रीवास्तव के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने उपस्थित लोगों को नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, उगादी और हिंदू नववर्ष की भी बधाई दी।
आईसीसीआर की स्थापना भारतीय सांस्कृतिक कूटनीति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 09 अप्रैल 1950 को की गई थी। संस्था की व्यापक गतिविधियों और प्रयासों को रेखांकित करते हुए डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि संस्कृति को एक ऐसा माध्यम माना जाता है जो सीमाओं को पार रहने वाले नागरिकों को भी एकदूसरे से जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि आईसीसीआर संस्कृति के माध्यम से दुनिया को जोड़ने में विश्वास करता है। यह इसके उद्देश्यों में भी नजर आता है। हम संस्था के माध्यम से राष्ट्रों के बीच अंतर-सांस्कृतिक संवाद कायम करने, आपसी सम्मान को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आईसीसीआर की एक शाखा एएससीसी जनवरी 2011 से सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करके भारतीय संस्कृति, परंपराओं और विरासत के बारे में समझ का प्रसार करने के आईसीसीआर के लक्ष्यों को हासिल करने में सहयोग कर रही है।
निदेशक के संबोधन के बाद कार्यक्रम में आईसीसीआर के महानिदेशक कुमार तुहिन का एक विशेष वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। विगत वर्षों में आईसीसीआर की शानदार यात्रा के बारे में एक लघु वीडियो भी दिखाया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एएससीसी के शिक्षकों, छात्रों, स्थानीय कलाकारों, भारतीय समुदाय के सदस्यों और आईसीसीआर के पूर्व छात्रों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम था। इसने विदेशी धरती पर भारतीय सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया।
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