दक्षिण एशिया में रीयल एस्टेट प्रोफेशनल्स के संगठन ASARP की हाल ही में अमेरिका के इलिनोय के डेस प्लेन्स में मासिक बैठक हुई। इस बैठक में रीयल एस्टेट इंडस्ट्री के विभिन्न सेक्टर्स के 50 से ज्यादा पेशेवर शामिल हुए। इनमें एनएआर के पूर्व प्रेसिडेंट तरुण भाटिया, मेन स्ट्रीट ऑर्गनाइजेशन ऑफ रिएल्टर्स के प्रेसिडेंट टिम रायन व सीईओ जॉन गॉर्मली और भारत के डीएलएफ प्रॉपर्टी डेवलपर्स के प्रतिनिधि प्रमुख थे।
एसोसिएशन ऑफ साउथ एशियन रीयल एस्टेट प्रोफेशनल्स (ASARP) की शिरीन मार्वी ने बैठक के दौरान संगठन के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मौजूदा दौर में इंडस्ट्री में आ रहे बदलावों पर भी चर्चा की और सतर्क रहने की भी जरूरत पर जोर दिया।
संस्था के चेयरमैन प्रदीप बी. शुक्ला ने सदस्यों को 2025 से लागू हो रहे टैक्स कट एंड जॉब्स एक्ट (टीसीजेए) 2017 को लेकर टैक्स प्रावधानों और इंसेंटिव्स के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने खासतौर से बोनस, टैक्स क्रेडिट और मूल एग्जेम्प्शंस पर चर्चा की।
टीसीजेए के तहत नए अधिग्रहण पर मिलने वाले 100% बोनस डेप्रिशिएशन को हर साल 20-20 प्रतिशत कम करके हटाया जा रहा जो 2027 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसी तरह संपत्ति कर में 5 मिलियन डॉलर से लेकर 10 मिलियन डॉलर तक की आधार छूट भी 2025 में समाप्त हो जाएगी।
उनका कहना था कि अगर आप 2026 से आगे भी इस फील्ड में काम करना चाहते हैं और टैक्स की बचत करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप आज से ही योजना बनाना शुरू कर दें। उन्होंने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे सीटीए (कॉर्पोरेट पारदर्शिता अधिनियम) के तहत नए प्रावधान पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि वित्तीय अपराध एवं प्रवर्तन नेटवर्क (FinCEn) की आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी करने में एएसएआरपी सदस्यों की सहायता करने के लिए तैयार है।
मीटिंग में हर्ष शुक्ला ने रीयल एस्टेट प्रोफेशन को प्रभावित करने वाले रैडोन डिस्क्लोजर, इमिग्रेशन स्टेटस, इलिनोय व्हीकल कोड आदि के कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया।
रिएल एस्टेट में अमेरिकी की पांचवी और शिकागो की सबसे बड़ी संस्था मेन स्ट्रीट ऑर्गनाइजेशन ऑफ रिएल्टर्स ने तरुण भाटिया के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का स्वागत किया। प्रेसिडेंट टिम और सीईओ जॉन ने वैश्विक प्रभाव बढ़ाने के लिए एएसएआरपी का प्रशंसा की। बैठक में तरुण भाटिया ने भी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। ASARP के संस्थापक सदस्य भाईलाल पटेल ने इस तरह के और भी ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के आयोजन का आह्वान किया।
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