सोसाइटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजिक पैथोलॉजी (एसटीपी) ने अरुण पंडिरी को मिड-करियर एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया है। उन्हें यह पुरस्कार बाल्टीमोर में एसटीपी के सालाना सिंपोजियम के दौरान प्रदान किया गया।
अरुण पंडिरी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज (NIEHS) में मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी ग्रुप के प्रमुख हैं। वह पिछले 15 वर्षों से NIEHS के साथ हैं। उन्हें ट्रांसलेशनल टॉक्सिकोलॉजी डिवीजन (DTT) के रॉबर्ट सिल्स D.V.M., PH.D. द्वारा इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
सिल्स ने कहा कि अरुण वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रतीक हैं। वह कई उल्लेखनीय अनुसंधान गतिविधियों का नेतृत्व कर रहे हैं और अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
पंडिरी ने कहा कि मैं इस पुरस्कार के लिए शीर्ष पेशेवर संगठन का आभारी हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं ऐसे सहयोगी और उत्साहजनक वातावरण में काम कर रहा हूं जो करियर में उन्नति के लिए इतने सारे अवसर प्रदान करता है।
अरुण का शोध मुख्य रूप से कैंसर के संकेतों की पहचान और इंसानों में इसके संपर्क से होने वाले बदलावों पर केंद्रित है। उनकी टीम कोलोरेक्टल कैंसर के संभावित कारकों की जांच पर भी काम कर रही है।
पंडिरी को इससे पहले 2014 में एसटीपी डिस्टिंग्विश्ड अर्ली करियर अवार्ड मिल चुका है। क्षेत्र में निरंतर योगदान ने उन्हें मिड-करियर एक्सीलेंस अवार्ड दिलाया है। यह पुरस्कार ऐसे सदस्यों को दिया जाता है जिन्होंने करियर के मध्य चरण में जहरीले रोग विज्ञान में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
इस पुरस्कार के लिए ऐसे व्यक्तियों को चुना जाता है जो पिछले 11 से लेकर 20 वर्षों से सक्रिय हों। साथ ही इंडस्ट्री, सरकार, शैक्षिक या सार्वजनिक सेवा में अगुआ के रूप में स्थापित हों। एसटीपी मिड-करियर एक्सीलेंस अवार्ड इसी साल शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य मध्य-कैरियर पेशेवरों की टॉक्सिकोलॉजिक पैथोलॉजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों और योगदानों को मान्यता प्रदान करना है।
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