एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में छात्र अब भारतीय और दक्षिण एशियाई संस्कृति की पढ़ाई भी कर सकेंगे। इसके लिए करिकुलम में चार नए कोर्स शामिल किए गए हैं। इन चार कोर्स में मॉडर्न एंड कंटेम्परेरी आर्ट ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया, द बॉलीवुड नेशन, द डांसेज ऑफ इंडिया और द रिलीजन ऑफ इंडिया शामिल हैं।
भारत एवं दक्षिण एशिया की आधुनिक व समकालीन कला कोर्स में 12 सीटें हैं। ये सभी सीटें रिजर्व हैं। कोर्स 22 अगस्त से शुरू होगा और 11 अक्टूबर को खत्म होगा। एएसयू में सेंटर फॉर एशियन रिसर्च के प्रोफेसर राल्फ गबार्ड इसे पढ़ाएंगे। वह पूर्वी एशियाई, दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई कला एवं इतिहास के विशेषज्ञ हैं।
बॉलीवुड नेशन कोर्स में इस बात पर जोर होगा कि बॉलीवुड ने किस तरह भारत की राष्ट्रीय पहचान को आकार दिया है। इस कोर्स में पढ़ाया जाएगा कि बॉलीवुड की फिल्मी कोरियोग्राफी, संगीत, नरेटिव स्ट्रक्चर, गरीब आबादी का प्रतिनिधित्व और ऐतिहासिक व राजनीतिक संदर्भ में किस तरह बदलती धारणाओं से संबंधित हैं। यह कोर्स 22 अगस्त से 6 दिसंबर तक चलेगा। नीलांजना भट्टाचार्य इसे पढ़ाएंगी।
डांस ऑफ इंडिया कोर्स छात्रों को भारतीय लोक नृत्यों से परिचित कराएगा। प्राचीन दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्यकला - भरत नाट्यम के इतिहास एवं विभिन्न तत्वों पर फोकस रहेगा। नृत्य ज्योति नृत्य अकादमी के मालिक रिंकू दास 22 अगस्त से 6 दिसंबर के बीच इस कोर्स को पूरा कराएंगे।
भारत के धर्मों से जुड़े कोर्स में ऐतिहासिक व समकालीन संदर्भ में भारत की प्रमुख धार्मिक परंपराओं का गहन विश्लेषण मिलेगा। इसमें धर्मशास्त्रों, पाठ्य शैलियों, सिद्धांतों, अनुष्ठानों, राजनीतिक व सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों पर जोर रहेगा। एएसयू में धार्मिक अध्ययन संकाय की नंदिता पुंज 22 अगस्त से 6 दिसंबर तक इसे पढ़ाएंगी।
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