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अपोलो और मोनाश यूनिवर्सिटी ने मिलाए हाथ, डिजिटल हेल्थ व एआई में मिलेगा लाभ

टीएयू के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के प्रोफेसर सत्यनारायण रेंटाला ने बताया कि इस साझेदारी के तहत टीएयू के छात्र मोनाश विश्वविद्यालय के साथ चार से छह महीने तक चलने वाले संयुक्त सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भाग लेंगे जो स्वास्थ्य सूचना विज्ञान, विश्लेषण और डिजिटल स्वास्थ्य पर आधारित होंगे।

साझेदारी से मोनाश यूनिवर्सिटी और अपोलो यूनिवर्सिटी के छात्रों को फायदा होगा। फोटो facebook@monash university /

ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी और भारत के चित्तूर की अपोलो यूनिवर्सिटी (टीएयू) ने एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर एक महत्वाकांक्षी समझौता किया है। इस सिलसिले में समझौता पत्र (एमओयू) पर दस्तखत हो चुके हैं। इसका उद्देश्य हेल्थकेयर एजुकेशन एंड टेक्नोलोजी सेक्टर में आपसी सहयोग को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है।

दोनों विश्वविद्यालयों के बीच यह साझेदारी मेडिकल एआई शिक्षा, अनुसंधान और छात्र जुड़ाव पर केंद्रित है। इससे दोनों संस्थानों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और इनोवेशन का एक रास्ता खुलेगा।

मोनाश यूनिवर्सिटी के आईटी फैकल्टी में डिजिटल हेल्थ के प्रमुख प्रोफेसर क्रिस बेन ने बताया कि वैश्विक महामारी के मद्देनजर डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल समाधानों की प्रासंगिकता बढ़ गई है और स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नवीन दृष्टिकोण की जरूरत दर्शाती है।

इस गठबंधन से मोनाश यूनिवर्सिटी भारत के सबसे व्यापक हेल्थकेयर समूहों में से एक टीएयू और अपोलो हॉस्पिटल्स के छात्रों एवं स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करेगा। इससे मजबूत शिक्षण एवं अनुसंधान नेटवर्क बनाने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों में स्वास्थ्य परिदृश्य में सुधार आएगा।

टीएयू के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के प्रोफेसर सत्यनारायण रेंटाला ने बताया कि इस साझेदारी के तहत टीएयू के छात्र मोनाश विश्वविद्यालय के साथ चार से छह महीने तक चलने वाले संयुक्त सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भाग लेंगे जो स्वास्थ्य सूचना विज्ञान, विश्लेषण और डिजिटल स्वास्थ्य पर आधारित होंगे।

वहीं मोनाश के छात्रों को अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप में व्यावहारिक अनुभव हासिल करने का अनूठा अवसर मिलेगा जिससे वे वास्तविक दुनिया में अपने व्यावहारिक ज्ञान एवं कौशल को समृद्ध कर सकेंगे। शैक्षिक आदान-प्रदान के अलावा दोनों विश्वविद्यालय समय-समय पर बहुराष्ट्रीय स्वास्थ्य एआई कार्यक्रमों की मेजबानी करने की भी योजना बना रहे हैं।

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