कांग्रेसमैन एंथनी डी'स्पोसिटो आधिकारिक रूप से इंडिया और इंडियन अमेरिकंस के कांग्रेसनल कॉकस में शामिल हो गए हैं। न्यूयॉर्क के चौथे जिले से कांग्रेसी एंथनी से दो महीने पहले न्यूयॉर्क के तीसरे जिले के कांग्रेसी टॉम सुओजी कॉकस से जुड़े थे।
एंथनी और सुओजी का शामिल होना इंडिया कॉकस मेंबरशिप ड्राइव कमिटी के प्रयासों का नतीजा है जो कॉकस की मेंबरशिप का विस्तार करने के लिए सक्रियता से जुटा है। कांग्रेशनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकंस एक द्विदलीय समूह है। इसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग के जरिए अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाना है।
एंथनी डी'एस्पोसिटो ने सदस्यता अभियान समिति के साथ बैठक के बाद कॉकस में शामिल होने का फैसला किया। इसमें प्रेसिडेंट वरिंदर भल्ला के अलावा समिति के सदस्य डॉ दत्तात्रेयुडु नोरी, गुंजन रस्तोगी, गोबिंद मुंजाल, हुसैन बक्वेरी और सुधीर वैष्णव शामिल थे। समिति में डॉ. सुधीर पारिख, डॉ. थॉमस अब्राहम, रत्ना भल्ला, राजीव भांबरी, सुनील मेहरा और देव विश्वनाथ भी हैं।
प्रेसिडेंट भल्ला ने बताया कि बैठक के दौरान कांग्रेस सदस्य को दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते रणनीतिक एवं आर्थिक संबंधों के बारे में बताया गया। 1993 में कॉकस की स्थापना के समय द्विपक्षीय व्यापार करीब 4 बिलियन डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 200 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है।
अमेरिका में एसोसिएशन ऑफ इंडियंस के नेशनल प्रेसिडेंट गोबिंद मुंजाल ने अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी पर प्रकाश डाला। इसने डी'एस्पोसिटो का समर्थन हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कांग्रेस सदस्य डी'एस्पोसिटो ने एकजुटता दिखाने के लिए लॉन्ग आइलैंड के रिपब्लिकन सहयोगी कांग्रेसी निक लालोटा और कांग्रेसी एंड्रयू गारबारिनो से भी कॉकस में शामिल होने का आग्रह किया।
जुलाई में भारतीय महावाणिज्य दूत बिनय प्रधान के साथ बैठक के बाद इंडिया कॉकस में शामिल हुए कांग्रेसमैन सुओजी भी कॉकस की सदस्यता बढ़ाने में जुटे हैं। वह कांग्रेसवुमन रोजा डेलौरो, कांग्रेसवुमन जहाना हेस और कांग्रेसी जो कर्टनी समेत कनेक्टिकट में कई अन्य डेमोक्रेट्स का समर्थन हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
इंडिया कॉकस की कुल ताकत अब 143 सदस्यों की हो चुकी है। प्रतिनिधि रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज की अगुआई में यह द्विदलीय कॉकस इस वक्त अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ा देश-विशिष्ट कॉकस है।
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