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IIT दिल्ली और MIT में पढ़ाई कर चुके प्रोफेसर अंकुर गुप्ता को इसलिए मिला यह पुरस्कार

गुप्ता को यह पुरस्कार 18 सितंबर को स्पेन के सेविला में दिया जाएगा। वहां वे अपने शोध निष्कर्षों पर एक व्याख्यान भी देंगे। गुप्ता ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।

अंकुर गुप्ता को यह पुरस्कार इंटरनेशनल इलेक्ट्रोकिनेटिक्स सोसाइटी (IES) द्वारा दिया गया है। / University of Colorado Boulder

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के पूर्व छात्र और कोलोराडो बाउल्डर विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर अंकुर गुप्ता को इलेक्ट्रोकिनेटिक्स (Electrokinetics) में पहला जोहान्स लिकलेमा अर्ली करियर अवार्ड (Johannes Lyklema Early Career Award) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार इंटरनेशनल इलेक्ट्रोकिनेटिक्स सोसाइटी (IES) द्वारा दिया गया है। गुप्ता के इस क्षेत्र में योगदान खासकर ऊर्जा प्रणालियों में डिफ्यूजियोफोरेसिस और चार्ज परिवहन पर उनके काम को देखते हुए उन्हें यह सम्मान मिला है।

अंकुर गुप्ता ने कहा कि 'मुझे यह पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस हो रहा है। इलेक्ट्रोकिनेटिक्स समुदाय द्वारा पहचाने जाने पर बहुत खुशी हो रही है। मैं अपने समूह के सभी छात्रों को उनके कठिन परिश्रम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जिससे यह पुरस्कार संभव हुआ। उन सभी मार्गदर्शकों और सहयोगियों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे इस पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया।'

गुप्ता को यह पुरस्कार 18 सितंबर को स्पेन के सेविला में ELKIN बैठक में 15 वें इंटरनेशनल सिम्पोजियम ऑन इलेक्ट्रोकिनेटिक्स (IES ) में दिया जाएगा। वहां वे CU बाउल्डर में प्रयोगशाला ऑफ इंटरफेसेस, फ्लो, एंड इलेक्ट्रोकिनेटिक्स से अपने शोध निष्कर्षों पर एक व्याख्यान भी देंगे।

गुप्ता ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर और पीएचडी की डिग्री उनके पास है। इससे पहले भी उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। इनमें 2023 में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियर्स '35 अंडर 35' पुरस्कार और NSF करियर अवॉर्ड शामिल हैं।

उनका शोध परिवहन, माइक्रोहाइड्रोडायनामिक्स, इलेक्ट्रोकिनेटिक्स, ऊर्जा भंडारण, विलवणीकरण और लैब-ऑन-ए-चिप तकनीकों पर केंद्रित है। यह पुरस्कार जोहान्स लिकलेमा के नाम पर रखा गया है, जो इलेक्ट्रोकिनेटिक्स के क्षेत्र में युवा वैज्ञानिकों के समर्थक थे। इलेक्ट्रोकिनेटिक्स में विद्युत क्षेत्र या रासायनिक ढलानों के तहत कणों, आयनों या द्रवों की गति का अध्ययन करना शामिल है। इसका ऊर्जा भंडारण, पर्यावरणीय तकनीकों और माइक्रोफ्लुइडिक उपकरणों में महत्वपूर्ण प्रयोग है।

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