प्रणव देसाई
विकलांगता जीवन में अधूरेपन का अहसास कराती है। लोगों के जीवन में इसी खालीपन को भरने के काम में जुटा है VOSAP यानी वॉइस ऑफ स्पेशली एबल्ड पीपल। ये संगठन एक तरफ दिव्यांगों को सक्षम बनाने और उनके प्रति सामाजिक धारणाओं को बदलने में जुटा है तो दूसरी तरफ इस क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों के लिए आर्थिक विस्तारीकरण की राह तैयार कर रहा है।
दुनिया में 15 फीसदी आबादी यानी लगभग 1.6 अरब लोग किसी न किसी तरह की विकलांगता से पीड़ित हैं। इनमें से महज 10 प्रतिशत को ही सहायक उपकरणों तक पहुंच प्राप्त है। ऐसे में इन लोगों को किफायती समाधान प्रदान करने के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।
VOSAP ने असिस्टिव टेक्नोलोजी (एटी) के क्षेत्र में ऐसी पहल की हैं, जो एक मिसाल की तरह हैं। संस्था ने न सिर्फ इनोवेटिव असिस्टिव डिवाइस दान की हैं बल्कि वर्चुअल एटी प्रदर्शनी भी लॉन्च की है। यह एक एटी हैकाथॉन है, जिसका मकसद इनोवेटिव आइडियाज को बढ़ावा देना और चुनिंदा एटी पार्टनर्स को VOSAP सब्सिडी एवं मार्केट वैलिडेशंस के जरिए शार्क टैंक फंडिंग हासिल करने में मदद करना है।
VOSAP की योजनाएं दोहरा लाभ प्रदान करती हैं। एक तो ये दुनिया की 1.6 अरब आबादी की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। वहीं दूसरी ओर आंत्रप्रेन्योर्स और इनोवेटर्स को अरबों डॉलर के बाजार में अवसर तलाशने में सहयोग करती है।
VOSAP की वर्चुअल प्रदर्शनी एक ग्लोबल प्लैटफॉर्म है, जो उपभोक्ताओं और सहायक उपकरण प्रदान करने वाली कंपनियों के बीच सेतु का काम करता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी VOSAP की इस पहल की सराहना कर चुके हैं।
लेखक के बारे मेंः
VOSAP दिव्यांगता के क्षेत्र में काम करने वाला एक संगठन है। वह दिव्यांगों को मुफ्त में सहायक उपकरण भी प्रदान करता है। इसे यूएन की इकनोमिक एंड सोशल काउंसिल की तरफ से स्पेशल कंसलटेटिव स्टेटस भी प्राप्त है। संगठन के संस्थापक प्रणव देसाई खुद पोलियो सर्वाइवर हैं। प्रणव एक कामयाब आईटी बिजनेस लीडर, सेल्स लीडर और नॉर्थ अमेरिका में एनटीटी डाटा के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं।
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