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अंतरधार्मिक आयोजन के दौरान कनाडा में हिंदूफोबिया और यहूदी विरोध पर चर्चा

CoHNA कनाडा के अध्यक्ष ऋषभ सारस्वत ने कहा कि प्रकृति के शाश्वत नियमों में निहित हिंदू दर्शन समसामयिक मुद्दों का गहन समाधान प्रस्तुत करता है।

आयोजको ने कहा कि दोनों समुदाय कनाडा में नफरत की बढ़ती लहर का सामना कर रहे हैं । / CoHNA

अंतर-सामुदायिक संबंधों को मजबूत करने के वास्ते आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिंदू और यहूदी समुदाय के सदस्यों ने टोरंटो में यहूदी सामुदायिक केंद्र में 'बिल्डिंग ब्रिजेज: हिंदू एंड यहूदी इन कन्वर्सेशन' विषय पर चर्चा की।

यहूदी विरोधी भावना का मुकाबला करने वाले एक जमीनी स्तर के मानवतावादी संगठन तफसिक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) ने भाग लिया। बैठक में कनाडा में हिंदूफोबिया और यहूदी विरोधी भावनाओं के बढ़ते असर पर चिंतन किया गया। 

CoHNA ने मीडिया को बताया कि इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कट्टरता और भेदभाव के इन रूपों से लड़ने में एकजुटता की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया। 

CoHNA कनाडा के अध्यक्ष ऋषभ सारस्वत ने कहा कि प्रकृति के शाश्वत नियमों में निहित हिंदू दर्शन समसामयिक मुद्दों का गहन समाधान प्रस्तुत करता है। आज की दुनिया  आत्म-विनाश के कगार पर है। ऐसे में आंतरिक शांति, सद्भाव और खुशी प्राप्त करने के लिए कर्म (कार्य), धर्म (कर्तव्य), और सहिष्णुता (सहनशीलता) के हिंदू सिद्धांत महत्वपूर्ण हैं।

कार्यक्रम के दौरान तफ़सिक के कार्यकारी निदेशक अमीर एप्सटीन ने हिंदू और यहूदी समुदायों के बीच साझा सांस्कृतिक बंधनों को रेखांकित किया और उनके सामान्य अनुभवों के महत्व पर जोर दिया। सारस्वत ने कनाडा में हिंदूफोबिया की चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डाला। इस पर कई यहूदी लोगों ने चिंता व्यक्त की। चिंता करने वाले ये वे लोग थे जो हिंदू कनाडाई लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों से अनजान थे।

एप्सटीन ने हाल के वर्षों में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली कई घृणा-घटनाओं को नजरअंदाज करने की मीडिया की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला और ऐसे मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

आयोजको ने कहा कि चूंकि दोनों समुदाय कनाडा में नफरत की बढ़ती लहर का सामना कर रहे हैं इसलिए इस तरह की पहल न केवल जागरूकता बढ़ाने के लिए बल्कि कट्टरता और असहिष्णुता के खिलाफ एकजुट प्रतिक्रिया की नींव रखने के लिए भी आवश्यक है। यह आयोजन हिंदू और यहूदी समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देने, कनाडा में एक समावेशी और सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए मंच तैयार करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
 

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