रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी का कारोबारी दुनिया से अलग भी एक संसार है, जहां कोई बिजनेस नहीं है। यह है प्रकृति और पशुओं के प्रति प्रेम की दुनिया। रिलायंस के डायरेक्टर ऑन द बोर्ड अनंत अंबानी ने जानवरों के प्रति अपने स्नेह को आगे बढ़ाते हुए रिलायंस फाउंडेशन के वनतारा (स्टार ऑफ द फॉरेस्ट) कार्यक्रम के लॉन्च की घोषणा की है। वन्य जीवों के प्रति अपने प्रेम और उनके संरक्षण की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर है।
गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के भीतर 3,000 एकड़ में फैले वनतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर प्राणी संरक्षण के लिए काम करना है। इसे गुजरात की ग्रीन बेल्ट कहा जाता है। अनंत अंबानी का कहना है कि वनतारा का उद्देश्य घायल और लुप्तप्राय जानवरों के लिए एक स्वर्ग जैसा वातावरण देना है। यह परियोजना केवल एक चिड़ियाघर नहीं है, बल्कि एक व्यापक पुनर्वास केंद्र है, जिसे हरे-भरे आवासों के समान प्राकृतिक और पोषण करने वाले वातावरण के रूप में तैयार किया गया है।
यह व्यापक सुविधा वन्यजीव संरक्षण के प्रति परियोजना के समर्पण की गवाह है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) सहित प्रतिष्ठित संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है।
अनंत के मुताबिक, इस संरक्षण केंद्र में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, अस्पताल, अनुसंधान केंद्र और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। वनताना का ध्यान विश्व स्तर पर जानवरों को बचाने और पुनर्वास करने की पहल के साथ अपनी तत्काल सीमाओं से परे फैला हुआ है।
इस पहल के तहत 200 से अधिक हाथियों, साथ ही कई रेपटाइल्स और पक्षियों को प्रभावी ढंग से बचाया है। इनमें गैंडे, तेंदुए और मगरमच्छ जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियां भी शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बचाव केंद्रों के साथ साझेदारी, विशेष रूप से मैक्सिको और वेनेजुएला में, इसके प्रभाव को काफी व्यापक बना दिया है।
विशेष रूप से यहां एक अत्याधुनिक हाथी बचाव केंद्र है। केंद्र के भीतर हाथी अस्पताल है, जो पोर्टेबल एक्स-रे और लेजर मशीनों, एक पैथोलॉजी लैब और एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन कक्ष सहित उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित है। केंद्र के 500 कर्मचारी हैं। इनमें पशु चिकित्सक, खान-पान विशेषज्ञ और रोगविज्ञानी शामिल हैं।
वनतारा की छतरी के नीचे व्यापक बचाव और पुनर्वास केंद्र विभिन्न जानवरों को मौत के कगार से बचाता है। केंद्र ने 2000 से अधिक जानवरों को शरण प्रदान की है, जो 43 विभिन्न प्रजातियों से हैं। सुविधाओं में आईसीयू, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, डेंटल स्केलर, लिथोट्रिप्सी, डायलिसिस और सर्जरी के दौरान लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए उन्नत तकनीक शामिल हैं।
स्वामी विवेकानंद से प्रेरित 'जीव सेवा' के दर्शन में निहित यह पहल भारत के लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने, महत्वपूर्ण आवासों को बहाल करने और वैश्विक संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने के मिशन को दर्शाती है।
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