भारत के अक्षय पात्र फाउंडेशन ने 4 अरब बच्चों को खाना खिलाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि का आधिकारिक जश्न संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में मनाया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फाउंडेशन की इस उपलब्घि पर संस्था को बधाई दी और यूएन में हुए समारोह के लिए अपनी प्रशस्ति भेजी।
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम 'खाद्य सुरक्षा में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों की ओर भारत के कदम' के तहत न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन ने जीरो हंगर (एसडीजी 2) की वैश्विक आकांक्षा की दिशा में देश की उल्लेखनीय प्रगति का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में पीएम पोषण अभियान के तत्वावधान में 4 अरब भोजन परोसने की अक्षय पात्र फाउंडेशन की ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रकाश डाला गया जो भारत के भविष्य को पोषण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
पीएम मोदी का संदेश यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने पढ़ा। अपने प्रेरक संदेश में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति में पोषण और समुदाय के गहरे मूल्यों पर जोर देते हुए अक्षय पात्र फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि यह बेहद गर्व और खुशी की बात है। मैं अक्षय पात्र फाउंडेशन की पूरी टीम को 4 अरब भोजन परोसने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने पर बधाई देता हूं। यह एक मील का पत्थर है। जब हम इस उपलब्धि का जश्न मनाते हैं तो हमें उस आंतरिक मूल्य पर
विचार करना चाहिए जो भोजन भारत की जीवंत संस्कृति में रखता है। यूएन में इस उपलब्धि का उत्सव इसके महत्व को दर्शाता है और साथ ही विश्व कल्याण की भारतीय दृष्टि को भी उजागर करता है।
यह औपचारिक उत्सव महज एक मान्यता नहीं थी बल्कि खाद्य सुरक्षा और शैक्षिक सशक्तिकरण के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता का एक वैश्विक बयान था। इस कार्यक्रम को नोबल पुरस्कार विजेका कैलाश सत्यार्थी, चेयरमैन एमेरिटस इंफोसिस एन आर नारायण मूर्ति और अक्षय पात्र फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष मधु पंडित दास ने भी संबोधित किया।
बच्चों के अधिकारों के प्रबल समर्थक और एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) के हिमायती नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि अक्षय पात्र उन लाखों बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोकने में सफलतापूर्वक सक्षम रहा है जो अन्यथा उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति के कारण श्रम के दलदल में धकेल दिए जाते।
इंफोसिस के चेयरमैन एमेरिटस एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि कोई भी देश प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की मजबूत नींव के बिना अपने नागरिकों के लिए समृद्धि बढ़ाने का एक मजबूत और टिकाऊ मार्ग नहीं बना सकता है। उस मजबूत नींव के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। भूख के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे यह सुनिश्चित करने के लिए अक्षय पात्र की नेक लड़ाई इस जटिल पहेली में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मैं इस उपलब्धि के लिए संस्था को बधाई देता हैं, सलाम करता हूं।
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