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भारत में ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव की तैयारी, गुजरात में GSV बनेगा इसका केंद्र

एयरबस इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और जरूरी उपकरणों के लिए धन देगा। विमानन इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले 40 मेधावी और कमजोर पृष्ठभूमि वाले छात्रों को स्कॉलरशिप भी देगा। इसमें उनकी पूरी फीस कवर होगी।

यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की उपस्थिति में की गई। / Airbus

हवाई जहाज बनाने वाली बड़ी कंपनी एयरबस (Airbus) गुजरात के वडोदरा में स्थित भारत के पहले ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स यूनिवर्सिटी गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV) में एक उत्कृष्टता केंद्र (CoE) और एयरोस्पेस स्टडीज के लिए एक चेयर प्रोफेसर बनाएगी। एयरबस-जीएसवी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का लक्ष्य रिसर्च, इनोवेशन और बड़े स्तर पर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर भारत में ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव लाना है।

एयरबस इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और जरूरी उपकरणों के लिए धन देगा। प्रशिक्षण और रिसर्च को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करेगा, जिससे जीएसवी के छात्रों को बेहतर नौकरी मिल सकेगी। इस साझेदारी के तहत, एयरबस विमानन इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले 40 मेधावी और कमजोर पृष्ठभूमि वाले छात्रों को स्कॉलरशिप भी देगा। इसमें उनकी पूरी फीस कवर होगी। इस सहयोग का लक्ष्य एक व्यापक एयरोस्पेस पाठ्यक्रम विकसित करना है, जिसमें शैक्षणिक और कार्यकारी कार्यक्रम शामिल होंगे।

इन स्कॉलरशिप में से 33% महिला छात्राओं के लिए आरक्षित होंगे जिससे जेंडर विविधता को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा CoE की स्थापना और एयरोस्पेस कार्यक्रमों के विकास (जिसमें सुरक्षा प्रबंधन, उड़ान डेटा विश्लेषण और हवाई माल प्रबंधन शामिल है) का समर्थन करने के लिए एक अतिथि चेयर प्रोफेसर नियुक्त किया जाएगा।

यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में की गई। भारत और दक्षिण एशिया में एयरबस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मैयलार्ड ने कहा कि यह साझेदारी भारत के परिवहन क्षेत्र, खासकर विमानन को मजबूत करने के लिए पेशेवरों का एक मजबूत पूल विकसित करेगी। इसके साथ ही यह 'स्किल इंडिया' कार्यक्रम की एक सफलता की कहानी होगी।

जीएसवी के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी ने जोर देकर कहा कि एयरबस के साथ यह सहयोग जीएसवी के उद्योग-संचालित, इनोवेशन-नेतृत्व वाले विश्वविद्यालय बनने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा। हम एयरबस के नियमित और कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभारी हैं। यह बेहतर मानव संसाधन और शोध के माध्यम से भारत के विमानन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा।

यह सहयोग 2023 में जीएसवी और एयरबस के बीच हुए एक समझौते के बाद हुआ है। 2022 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित जीएसवी का लक्ष्य परिवहन क्षेत्र में शीर्ष स्तर के पेशेवरों का एक समूह बनाना है, जो उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिमांड बेस्ड सिलेबस के साथ मल्टी सब्जेक्ट शिक्षण, ट्रेनिंग और रिसर्च प्रदान करता है।

 

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