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मेक इन इंडियाः एयरबस ने इस भारतीय कंपनी के साथ किया सबसे बड़ा सौदा!

यह भारत के लिए सबसे बड़े एयरोस्पेस एक्सपोर्ट सौदों में से एक है। इससे एयरबस की A220 निर्माण की क्षमता में खासा इजाफा होगा। समझौते के तहत डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज कंपनी ए220 फैमिली विमान के लिए दरवाजों का निर्माण करेगी।

भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में एयरबस और डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज के बीच समझौता हुआ। / X @JM_Scindia

अमेरिकी कंपनी एयरबस ने भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बेंगलुरु की एक कंपनी को एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है। एयरबस ने अपने A220 फैमिली विमान के दरवाजों के निर्माण और असेंबली के लिए बेंगलुरु की डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज के साथ समझौता किया है। 

यह भारत के लिए सबसे बड़े एयरोस्पेस एक्सपोर्ट सौदों में से एक है। इससे एयरबस की A220 निर्माण की क्षमता में खासा इजाफा होगा। समझौते के तहत, डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज ए220 फैमिली विमान के ओवर-विंग इमरजेंसी एग्जिट गेट के अलावा कार्गो, पैसेंजर और सर्विस गेट का निर्माण और एसेंबली करेगी। हर विमान के लिए आठ दरवाजे बनाए जाएंगे। 



एयरबस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस समझौते के तहत दरवाजों के लिए जरूरी पार्ट्स और कंपोनेंट्स का भी निर्माण डायनामैटिक कंपनी को करना होगा। इससे कई और सप्लायर कंपनियों को काम का अवसर मिलेगा। 

एयरबस ने एक साल से भी कम समय में किसी भारतीय सप्लायर कंपनी को दरवाजे बनाने का यह दूसरा ठेका दिया है। इससे पहले 2023 में कंपनी ने ए320 फैमिली के बल्क और कार्गो दरवाजों के निर्माण का ठेका टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स को दिया था।

डायनामैटिक कंपनी लंबे समय से एयरबस के लिए काम करती रही है। पहले वह एयरबस ए330 और ए320 फैमिली विमानों के फ्लैप ट्रैक बीम और ए220 के कॉकपिट एस्केप हैच दरवाजे बनाती रही है।

बयान में कहा गया है कि एयरबस के लिए भारत एक रणनीतिक रिसोर्स हब है, जहां कंपनी मानव पूंजी को बढ़ावा देने के लिए विमान संयोजन, घटक निर्माण, इंजीनियरिंग डिजाइन एवं विकास, एमआरओ सपोर्ट, पायलट व मेंटिनेंस ट्रेनिंग के साथ-साथ शैक्षणिक सहयोग और औद्योगिक फुटप्रिंट्स का विस्तार कर रही है।

फिलहाल एयरबस भारत से हर साल लगभग 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कलपुर्जे और सेवाएं खरीदती है, जो अगले कुछ वर्षों में बढ़कर 1.5 अरब डॉलर तक होने का अनुमान है। 

भारतीय एयरोस्पेस इकोस्सिटम को विस्तार देने और मजबूत करने के एयरबस के प्रयासों में दो फाइनल असेंबली लाइनों का निर्माण भी शामिल है। इनमें एक वडोदरा में C295 सैन्य विमान के लिए और दूसरी H125 हेलीकॉप्टर के लिए है। 

A220 इकलौता विमान है जो 100-150 सीट वाले यात्री बाजार को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें अत्याधुनिक एयरोडायनामिक्स, एडवांस मटीरियल और नवीनतम तकनीक और इंजनों का प्रयोग किया गया है। 

यह पिछली पीढ़ी के विमानों की तुलना में 50% कम शोर करता है। इसमें प्रति सीट ईंधन की 25% तक कम खपत होती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड भी 40% कम निकलता है। इस तरह ए220 क्षेत्रीय और लंबी दूरी की विमान यात्राओं के लिए परफेक्ट विकल्प है।

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