भारत के एयर इंडिया ग्रुप ने अपने फ्लाइट ऑपरेशन और सुरक्षा आदि में सुधार के लिए अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के साथ हाथ मिलाए हैं। जेट इंजन प्रदान करने वाली जीई एयरोस्पेस के साथ इस समझौते से टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के स्वामित्व वाली कंपनी एयर इंडिया को अपनी उड़ानें ऑप्टिमाइज करने के अलावा सुरक्षा व्यवस्था सुधारने और ईंधन की खपत कम करने में मदद मिलेगी।
इस समझौते से एयर इंडिया भारत की पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसने जीई के फ्लैगशिप FlightPulse पायलट ऐप को अपने एम्बेडेड एनीमेशन मॉड्यूल में अपनाया है। इससे एयरलाइंस के 5000 से अधिक फ्लाइट क्रू मेंबर्स को व्यक्तिगत उड़ान डेटा से लेकर इनसाइट्स तक चुटकियों में मिल सकेंगी, जिससे उन्होंने उड़ानों के दौरान अहम निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
प्री-फ्लाइट मॉड्यूल से जहां फ्यूल और डिपार्चर को लेकर समग्र रूप में व्यवस्थित डाटा मिल सकेगा, वहीं पोस्ट फ्लाइट मॉड्यूल पायलट की व्यक्तिगत फ्लाइट हिस्ट्री तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करेगा। इससे पायलट अपनी उड़ान के दौरान पिछली डाटा के आधार पर सामयिक आंकड़ों और सुरक्षा से जुड़े सामान्य घटकों का विश्लेषण कर सकेंगे। ये उन्हें आगामी उड़ान में सुरक्षा और फ्यूल से जुड़े फैसले लेने में मदद करेगा। अगर पायलय तयशुदा रूट से अलग चलता है, तब भी फ्लाइटपल्स सूचित करके सही रास्ते पर लाने में मदद करेगा।
इसके अलावा एक अन्य सॉफ्टवेयर उत्पाद सेफ्टी इनसाइट है, जो सुरक्षा बढ़ाने और अधिकतम परफॉर्मेंस सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय में डेटा के एडवांस विश्लेषण और निगरानी की सुविधा प्रदान करता है। तीसरा टूल फ्यूल इनसाइट एयरलाइंस को फ्यूल मैनेजमेंट में मदद करेगा।
एयर इंडिया के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेशन ऑफिसर क्लॉस गोएर्श ने कहा कि हम एयर इंडिया के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सबके साथ मिलकर काम करते हैं और उत्कृष्टता व दक्षता के नए मानक स्थापित करते हैं। जीई एयरोस्पेस, सॉफ्टवेयर के महाप्रबंधक एंड्रयू कोलमैन ने कहा कि एयर इंडिया के साथ नया सफर शुरू करने को लेकर उत्साहित हैं। यह इनोवेशन, सुरक्षा और ऑपरेशन एक्सिलेंस के लिए साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
जीई एयरोस्पेस से यह समझौता एयर इंडिया की Vihaan.AI पहल का हिस्सा है, जो अगले पांच साल में विश्वस्तरीय एयरलाइंस बनने के रोडमैप का हिस्सा है। बता दें कि एयर इंडिया ने पिछले महीने बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग (एमआरओ) सुविधाएं स्थापित करने की घोषणा की थी।
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