भारत के गुजरात राज्य में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान भारत-यूएई संबंधों को बढ़ावा देते हुए कई सहमति पत्रों पर दस्तखत किए गए।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नाहयान के बीच सात महीने से भी कम समय में यह चौथी बैठक रही। इस दौरान दोनों नेताओं ने तेजी से बदलती भारत-यूएई साझेदारी की सराहना की और साझा एवं समृद्ध भविष्य के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।
इस बैठक में भारत और यूएई ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश सहयोग, नवीन स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं, फूड पार्क विकास और टिकाऊ, हरित व कुशल बंदरगाह बनाने जैसे कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी ने दुनिया भर के कई उद्योग प्रमुखों और सीईओ से भी मुलाकात की। इनमें माइक्रोन टेक्नोलॉजीज के सीईओ संजय मेहरोत्रा, डीकिन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर इयान मार्टिन, डीपी वर्ल्ड समूह के चेयरमैन व सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलायम, एपी मोलर मार्सक के सीईओ कीथ स्वेंडसेन और सुजुकी मोटर कॉर्प के अध्यक्ष तोशिहिरो सुजुकी शामिल रहे। इस दौरान भारत में विदेशी और घरेलू निवेश को बढ़ाने की योजनाओं पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति डॉ. जोस रामोस-होर्टा और मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
बैठक में तिमोर-लेस्ते (पूर्वी तिमोर) के राष्ट्रपति होर्ता ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। मोदी ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान की आगामी सदस्यता के लिए राष्ट्रपति होर्टा को बधाई दी और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन एवं आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
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