Login Popup Login SUBSCRIBE

ADVERTISEMENTs

अमेरिका के कैपिटल हिल में इन पांच मुद्दों पर होगी चर्चा, FIIDS ने इसलिए इसे अहम बताया

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा (FIIDS) 13 जून को कैपिटल हिल में एक एडवोकेसी डे कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। संगठन के नीति और रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत करते हुए कहा कि इसमें भारतीय-अमेरिकियों के विचारों को रखा जाएगा।

खांडेराव ने करीब 45 लाख भारतीय-अमेरिकी समुदाय की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को साझा किया। / NIA

फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा (FIIDS) भारतीय-अमेरिकियों के विचारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 13 जून को कैपिटल हिल में एक एडवोकेसी डे कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। संगठन के नीति और रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत करते हुए कहा कि इसमें भारतीय-अमेरिकियों के विचारों को रखा जाएगा। खांडेराव ने करीब 45 लाख भारतीय-अमेरिकी समुदाय की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को साझा किया।

खांडेराव ने कहा कि इस साल हमने (एडवोकेसी डे के लिए) पांच अलग-अलग मुद्दे चुने हैं। इनमें पहला, अमेरिका-भारत संबंध है। यह खासकर टेक्नॉलजी, व्यापार और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जुड़ा है। दूसरा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र चिंता का विषय है, क्योंकि दुनिया का अधिकांश व्यापार इस क्षेत्र से होता है। लेकिन इस क्षेत्र में चीन का वैश्विक दबदबा चिंता का विषय रहा है। तीसरा, ग्रीन कार्ड का बैकलॉग है। यह भारतीय मूल के कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है।

चौथे मुद्दे के बारे में उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने कुछ पक्षपात और हेट क्राइम देखे हैं। सामान्य रूप से भारतीय प्रवासियों के खिलाफ और विशेष रूप से कुछ मंदिरों पर हमले के रूप में। पांचवां विषय महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में है, जो लंबी अवधि का है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। चीन वैश्विक स्तर पर खनिजों का अधिग्रहण कर रहा है। इसका प्रौद्योगिकी रूप से दुनिया की समृद्धि और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका पर दीर्घकालिक असर होगा। तो ये पांच विषय हैं जो हम उठा रहे हैं।

कंद ने यह भी बताया कि एडवोकेसी इवेंट कैसे आयोजित किया जाएंगे। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से कितने प्रतिनिधि शामिल होंगे, इसके बारे में विस्तृत योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरे अमेरिका (विभिन्न राज्यों से) लगभग 125 से 150 प्रतिनिधि बुला रहे हैं। वे पूरे दिन रहेंगे। इन्हें चार से पांच प्रतिनिधियों के समूहों में बांटा गया है। हरेक में 30 मिनट की बैठक होगी। जिसमें निर्वाचित अधिकारियों और कर्मचारियों को महत्वपूर्ण मुद्दों से अवगत कराया जाएगा। उनके सवालों के जवाब दिए जाएंगे। कांग्रेस में मौजूद बिलों पर उनका समर्थन मांगा जाएगा।

उन्होंने कहा कि FIIDS की स्थापना 2012 में अमेरिका-भारत संबंधों, दक्षिण एशिया और बड़े एशियाई महाद्वीप में अमेरिकी संबंधों, भारतीय डायस्पोरा और विश्व मामलों से संबंधित हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए की गई थी।

कंद ने कहा कि अब यह माना जा रहा है कि 21वीं सदी में दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण संबंध भारत-अमेरिका वैश्विक संबंध है। यह न केवल सरकार से सरकार के दृष्टिकोण से, बल्कि वैश्विक उद्योगों और शिक्षा से लेकर पूरी तरह से व्यक्तिगत संबंधों तक है। भारत कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक ट्रेलर था, एक फिल्म आ रही है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह फिल्म 2047 में दिखाई देगी।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related