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दिलचस्प है विश्व नेताओं से संवाद की कला, बता रही हैं प्रख्यात इंटरप्रेटर गुरदीप चावला

जो लोग इस दुनिया में आना चाहते हैं उनको अपनी शब्दावली और वॉयस मॉड्यूलेशन पर काम करना चाहिए और वैश्विक मामलों पर गहरी नजर बनाए रखनी चाहिए। एक भी त्रुटि महत्वपूर्ण राजनयिक गलतफहमियों को जन्म दे सकती है। बड़े और गंभीर मामलों में विश्व संघर्ष तक पैदा कर सकती है या बढ़ा सकती है।

नई दिल्ली में आयोजित G 20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच चावला। / Image : PIB

क्या आपने कभी सोचा है कि नरेंद्र मोदी, बराक ओबामा और अन्य वैश्विक नेताओं की आवाज बनने के लिए क्या करना पड़ता है? नई दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. गुरदीप चावला ने अमेरिका जाने से पहले भारतीय संसद में दुभाषिया (इंटरप्रेटर) के रूप में छह साल बिताए। संसद में उनके पति और प्रसिद्ध उद्यमी सूरी चावला सेवारत थे। शुरुआत में एक छोटे प्रवास की आशा करते हुए उन्होंने स्थानीय अदालत प्रणाली में अवसरों की खोज की जिसमें विभिन्न राष्ट्रीयताओं और भाषाई पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के लिए इंटरप्रेट यानी संवाद या व्याख्या की कला प्रदान की गई।

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