हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के 374वें दीक्षांत समारोह में प्रसिद्ध चिकित्सक और लेखक अब्राहम वर्गीज मुख्य वक्ता होंगे। यूनिवर्सिटी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 29 मई को होने वाले समारोह में वर्गीज को मानद उपाधि से भी सम्मानित किया जाएगा।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर अब्राहम वर्गीज डॉक्टर-मरीज संबंधों में सहानुभूति और मानवीय दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में चिकित्सा एवं साहित्य दोनों क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कई संस्मरण और उपन्यास भी लिखे हैं जो बीमारियों, इलाज और मानवीय संबंधों की गहराइयों को एक्सप्लोर करते हैं।
अब्राहम वर्गीज का जन्म इथियोपिया में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। 1974 में राजनीतिक अशांति के कारण वे अमेरिका आ गए। अपनी मेडिकल शिक्षा उन्होंने भारत में पूरी की। उसके बाद अमेरिका के टेनेसी में रेजीडेंसी की। वहां उन्होंने ग्रामीण समुदायों में एचआईवी-एड्स के शुरुआती प्रभावों को नजदीक से देखा। उनकी किताब My Own Country: A Doctor’s Story में इन अनुभवों को दर्शाया गया है। इस पर एक फिल्म भी बनी है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में वर्गीज ने Presence नामक से एक सेंटर भी स्थापित किया है, जो मरीजों की देखभाल पर फोकस करता है। उन्होंने Stanford Medicine 25 की भी शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य डॉक्टरों को बेडसाइड डायग्नोसिस (मरीज के पास जाकर इलाज करने) के लिए प्रेरित करना है।
वर्गीज ने दो उपन्यास Cutting for Stone और The Covenant of Water लिखे हैं। इसके अलावा एक संस्मरण The Tennis Partner भी लिखा है। उनकी किताबें मेडिकल पेशे की जटिलताओं और मानवीय भावनाओं को गहराई से दर्शाती हैं।
वर्गीज को नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज का सदस्य भी चुना गया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन एम. गार्बर ने वर्गीज की तारीफ करते हुए कहा कि उनका करियर रचनात्मकता, सेवा और नेतृत्व का प्रतीक है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किए हैं, लेकिन उनकी मानवता और संवेदनशीलता उनके लेखन और डॉक्टरी पेशे में सबसे ज्यादा झलकती है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वर्गीज के जीवन और करियर से जुड़ी कहानियां हार्वर्ड के 2025 बैच के छात्रों के लिए प्रेरणादायक साबित होंगी। उनकी उपस्थिति और भाषण से विद्यार्थियों को सेवा, करुणा और उत्कृष्टता की सीख मिलेगी।
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