अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (AAPI) की ओर से भारत की राजधानी दिल्ली और दक्षिण भारतीय नगर मणिपाल में आयोजित वार्षिक वैश्विक हेल्थकेयर शिखर (GHS) सम्मेलन का समापन हो गया है।
इस 17वें शिखर सम्मेलन का फोकस हेल्थकेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य पर ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करना रहा। सम्मेलन में विदेश और भारत के सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। स्वास्थ्य देखभाल में आधुनिक प्रौद्योगिकी के रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में एक-दूसरे से बातचीत करना और सीखना चर्चा का केंद्रीय विषय रहा। इसके साथ ही रोगियों को सर्वोत्तम और किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के तौर-तरीकों पर भी बातचीत हुई।
AAPI द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में एम्स, मणिपाल में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कर्नाटक राज्य सरकार और ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स (GAIMS) ने सहयोगी की भूमिका निभाई। सम्मेलन का आरंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद गहन चर्चाओं का दौर शुरू हुआ और 5 जनवरी, 2024 को सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया।
दुनिया भर के सम्मानित वक्ताओं द्वारा प्रदान की गई प्रत्येक वैज्ञानिक प्रस्तुति में हेल्थकेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI ) के भविष्य की गूंज सुनाई दी। GHS के दौरान बहु-विषयक सीएमई सम्मेलन ने विशेषज्ञों और प्राथमिक देखभाल चिकित्सकों को एक अकादमिक मंच पर बातचीत करने का अवसर प्रदान किया। सीएमई सत्र के दौरान विश्व-प्रसिद्ध वक्ताओं ने व्यापक विषयों पर वर्तमान और सर्वोत्तम प्रथाओं के बीच अंतर पर चर्चा की।
AAPI अध्यक्ष डॉ. अंजना समद्दर ने कहा कि यह सब जानते हैं कि भारतीय मूल के चिकित्सक अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं और रोगी देखभाल, प्रशासन, शिक्षाविदों के रूप में तथा चिकित्सा अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। कुल मिलाकर AAPI एक शैक्षिक तंत्र है।
GHS के अध्यक्ष डॉ. संपत शिवांगी ने नवीन प्रौद्योगिकियों की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए अमेरिकी स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण भारतीय भागीदारी और वैश्विक स्वास्थ्य सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर AI तकनीक पर बढ़ते फोकस पर जोर देते हुए सम्मेलन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में इसकी संभावनाओं का पता लगाना है।
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