भारत में चिकित्सा अनुसंधान, शिक्षा एवं ज्ञान के आदान-प्रदान को विस्तार देने के लिए अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (AAPI) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ एक समझौता किया है।
नई दिल्ली और कर्नाटक के मणिपाल में चल रहे AAPI के वार्षिक वैश्विक हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन के 17वें संस्करण के दौरान AAPI की अध्यक्ष डॉ. अंजना समद्दर और एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवासन ने पांच साल के इस समझौते पर दस्तखत किए।
समझौते का मूल उद्देश्य भारत में मरीजों की देखभाल की व्यवस्था को मजबूत करना है। इस एमओयू के तहत एएपीआई एम्स को प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा। एम्स में नए फेलोशिप कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
एपीआई में इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत, एम्स के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी छात्रों को उन विश्वविद्यालयों और अस्पतालों का दौरा करने का मौका मिलेगा जहां एएपीआई के सदस्य प्रमुख पदों पर हैं। वे दो से आठ सप्ताह की अवधि के लिए विशेष ऑब्जर्वरशिप कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले सकेंगे।
एएपीआई एम्स की फैकल्टी को अपने सदस्यों के संस्थानों एवं अस्पतालों में अनुसंधान व शैक्षणिक गतिविधियों के लिए विजिटिंग फैकल्टी के रूप में दौरा करने के लिए आमंत्रित कर सकता है। एम्स के फैकल्टी मेंबर और छात्र एएपीआई के अल्पकालिक प्रशिक्षण एवं प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों में भी सहभागिता कर सकेंगे।
एएपीआई और एम्स अनुसंधान के नए क्षेत्रों में कार्य करते हुए बुनियादी ढांचे, पुस्तकालय, शिक्षण अनुसंधान प्रयोगशालाओं के प्रबंधन एवं विकास में भी तकनीकी सहयोग करेंगे।
गौरतलब है कि ग्लोबल हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन का दिल्ली चरण 1-3 जनवरी तक आयोजित किया गया था। एम्स और ली मेरिडिएन होटल में आयोजित हेल्थकेयर एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित प्रमुख सम्मेलन में दुनिया भर से सौ से अधिक प्रतिनिधियों और भारत के 250 से अधिक चिकित्सकों व छात्रों ने भाग लिया।
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