आयुर्वेद के प्रोफेसर डॉ. राजगोपाला श्रीकृष्ण का जीवन आयुर्वेद के लिए समर्पित है। डॉ. राजगोपाल श्रीकृष्ण, एमडी (आयुर्वेद), पीएचडी और बाल चिकित्सा के बड़े जानकार हैं। दुनिया की पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का विस्तार करने के लिए ऑस्ट्रेलेशियन एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेद ने उन्हें सम्मानित किया है। NICM के सहयोग से 22 फरवरी को वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में NICM परिसर में उनका स्वागत किया गया गया।
आयुर्वेद, जिसका अर्थ है आयु (जीवन) और वेद (विज्ञान या ज्ञान)। आज आयुर्वेद ऑस्ट्रेलियाई समाज का हिस्सा बनता जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखतर हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के साझा प्रयासों के तहद आयुर्वेद को अब अगले स्तर पर ले जाने का लक्ष्य है। इसमें डॉ. राजगोपाला जैसे दिग्गज की अहम भूमिका है।
इस मौके पर डॉ. राजगोपाला ने इंडियन अब्रॉड से खास बातचीत में कहा कि भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ आयुष का उद्देश्य है आयुर्वेद को विश्व स्तर पर लेकर जाना। मैं भी इसी सपने की लेकर यहां आया हूं। आयुर्वेद केवल रोग निवारण तक सिमित नहीं है, ये तो स्वस्थ रहने का भी मूल ज्ञान देता है। ऑस्ट्रेलिया में लोग आयुर्वेद को लेकर बहुत उत्साहित है और हमें इसे आम लोगों के दैनिक जीवन शैली का हिस्सा बनाना है और लोगों को इसका लाभ पहुंचना है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की एक पद्धति है। यह लगभग 5 हजार वर्ष पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें प्रकृति के संसाधनों की मदद से विभिन्न रोगों का इलाज किया जाता है।
भारत के उच्चायुक्त जनरल गोपाल बागले ने कहा कि मैं भारत से आता हूं, जहां आयुर्वेद एक महज औषधीय विज्ञान नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण ज्ञान है। हम आज इसे भविष्य से जोड़ रहे हैं। उस परंपरा से जो हजारों साल पहले की है और जिसमे ज्ञान के भंडार निहित हैं। यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य हिस्सों में मानवता की सेवा कर रहा है।
parramatta के पार्षद और पूर्व लॉर्ड मेयर समीर पांडे ने कहा कि आयुर्वेद सभी के लिए है और आयुर्वेद के फायदे भी हैं। उन सभी को धन्यवाद जो आयुर्वेद का अभ्यास कर रहे हैं और इस प्राचीन ज्ञान को बढ़ावा दे रहे हैं और संरक्षित कर रहे हैं। इस ज्ञान को अगली पीढ़ी को सौंपना भी हमारी जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस काउंसिल (एआईबीसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जोडी मैके ने कहा कि हम ऑस्ट्रेलिया के भीतर आयुर्वेद के बारे में जागरूकता बढ़ाने की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार वार्ता में भारत ने प्रस्ताव रखा है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए यह कठिन था। आप (डॉ. राजगोपाला को संबोधित करते हुए) जो भूमिका निभाने जा रहे हैं, वह इस देश में आयुर्वेद के लिए जागरूकता पैदा करना है।
दुनिया के सभी देशों में आयुर्वेद का प्रसार हो रहा है। इससे दुनिया के लाखों करोड़ों मरीजों को बहुत फायदा हो रहा है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने समूची दुनिया में वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारतीय पुरातन चिकित्सा पद्धति की अलग पहचान है। एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेद ऑस्ट्रेलियन एनआईसीएम और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के सहयोग को आयुर्वेद क्षेत्र में बेहतर काम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है।
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