हमारे समुदाय और देश की मिलीजुली भावनाओं के बीच, 9 नवंबर को ममारोनेक लाइब्रेरी, न्यूयॉर्क में दिवाली का एक ज्योति-पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। राई,लार्चमोंट, न्यू रोशेल, हैरिसन और ममारोनेक समुदाय के सदस्य हिंदू समुदाय के इस महत्वपूर्ण अवसर का सम्मान करने के लिए एकत्र हुए। सोनल सेठ और टेरी नुमा द्वारा आयोजित इस जीवंत कार्यक्रम ने परिवारों को विविधता के धागे से जुड़ने के लिए एक अवसर प्रदान किया।
अमेरिकी प्रतिनिधि-निर्वाचित जॉर्ज लैटिमर ने सांस्कृतिक विविधता और सामुदायिक भावना पर प्रेरक बातें कहीं। श्री सेठ और समारा करकारा ने सामुदायिक जुड़ाव को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पहल पर चर्चा करने के लिए लैटिमर से मुलाकात की।
कार्यक्रम में साझा सांस्कृतिक परंपराओं पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें प्रतिभागियों ने 'हनुक्का' के दौरान प्रकाश के यहूदी उपयोग, गेंदा और मोमबत्तियों के साथ डिया डे लॉस मुर्टोस की लैटिन परंपराओं और मोमबत्तियां जलाने के ईसाई रीति-रिवाजों के बारे में अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया। इस प्रदर्शन की प्रासंगिकता अन्य समुदायों के उपस्थित लोगों को यह बतलाना था कि भारत के अलावा अन्य देशों की परंपरा-प्रथाओं में भी ज्योति उत्सव मनाया जाता है, बस उससे जुड़ी मान्यताएं जुदा हैं।
बीते सात वर्षों से सोनल पटेल-शेठ और टेरी नुमा ने समुदाय को एकजुट करने की गहरी इच्छा के साथ सहयोग किया है। इस वर्ष के उत्सव में उपस्थित लोगों को दिवाली की समृद्ध परंपराओं में डूबने के लिए आमंत्रित किया गया जिसमें दीया पेंटिंग, मेंहदी टैटू और साड़ी पहनने का प्रदर्शन हुनर शामिल था।
कई लोग पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनकर उत्सव के माहौल को पारंपरिक बना रहे थे। इस तरह की गतिविधियों के आयोजन में अन्य समुदाय के लोग भी उत्साह के साथ शामिल हुए और उन्होंने भारतीय परंपराओं के विविध रंग देखकर उनसे अपना जुड़ाव महसूस किया।
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