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4,300 भारतीय करोड़पति देश छोड़ने की तैयारी में, लेकिन यह संख्या पिछले साल से कम : रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन इस साल बहुत सारे अमीर लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। हालांकि, भारत में अमीर लोगों की संख्या बढ़ भी रही है, इसलिए इनकी तुलना में विदेश जाने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय इनवेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स ने एक रिपोर्ट जारी की है। / Unsplash

अंतरराष्ट्रीय इनवेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स (Henley and Partners) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लगभग 4,300 करोड़पति भारत छोड़कर विदेशों में बसने की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से कई लोग संयुक्त अरब अमीरात में रहना पसंद करेंगे। हालांकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन करोड़पतियों के देश से बाहर निकलने के मामले में इसके वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर रहने की उम्मीद है। पहले नंबर पर चीन और ब्रिटेन हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन इस साल बहुत सारे अमीर लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। चीन और ब्रिटेन के बाद, भारत में सबसे ज्यादा अमीर लोग विदेश जा रहे हैं। हालांकि, भारत में अमीर लोगों की संख्या बढ़ भी रही है, इसलिए इनकी तुलना में विदेश जाने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में 85 प्रतिशत की वेल्थ ग्रोथ के साथ प्रवासन के कारण भारत जितने हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों को खोता है, उससे कहीं अधिक नए पैदा कर रहा है। इसलिए विदेश जाने वालों के कारण ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 5,100 भारतीय करोड़पति विदेश चले गए थे।

इस चलन को देखते हुए कई भारतीय निजी बैंक संयुक्त अरब अमीरात में अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोटक महिंद्रा बैंक और 360 ONE वेल्थ इनमें से प्रमुख हैं, जो भारतीय परिवारों को वेल्थ मैनेजमेंट की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अमीरों का देश छोड़ना किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार को काफी प्रभावित करता है। इसकी वजह ये है कि ये व्यक्ति किसी दूसरे देश में जाने के साथ ही अपनी संपत्ति भी उसी देश में ट्रांसफर कर देते हैं। करोड़पति प्रवास के मुख्य कारण में टैक्स लाभ, सुरक्षा, वित्तीय, व्यावसायिक अवसर और बेहतर जीवनशैली शामिल हैं।

हालांकि 2023 में 5,100 अमीरों के देश छोड़ने के मुकाबले इस साल ये संख्या कम है। फिर भी भारत उन देशों में शामिल है जहां से सबसे ज्यादा अमीर लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। हेनले एंड पार्टनर्स करोड़पतियों और HNWIs को कम से कम 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लिक्विड संपत्ति वाले लोगों के रूप में परिभाषित करता है।

इस बीच, अपने विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, रणनीतिक स्थान, लाभदायक टैक्स नियमों और अन्य आकर्षक फैक्टर्स के कारण संयुक्त अरब अमीरात में 2024 के अंत तक 6,700 करोड़पतियों के आने की उम्मीद है। अमीरों को आकर्षित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात गोल्डन वीजा प्रदान करता है। यह उद्यमियों, विदेशी निवेशकों और प्रतिभाशाली व्यक्तियों को पर्याप्त निवेश करने पर स्थायी निवास प्रदान करता है। यह वीजा कार्यक्रम भारतीयों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।

संयुक्त अरब अमीरात के अलावा भारतीय पुर्तगाल, ग्रीस, स्पेन, माल्टा और कैरिबियन देशों में एंटीगुआ और बारबुडा और ग्रेनेडा जैसे देशों में निवेश योजनाओं के माध्यम से नागरिकता और निवास की तलाश में तेजी से बढ़ रहे हैं।

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