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5 साल में 403 मौतें, विदेशों में भारतीय छात्रों को लेकर सरकार ने बताई चौंकाने वाली बात

विदेश मंत्रालय ने बताया कि कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों की मौतें हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में 91, यूके में 48, ऑस्ट्रेलिया में 35, रूस में 40, अमेरिका में 36 भारतीय छात्रों की मौत पिछले पांच वर्षों में हो चुकी है। 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि विदेश में भारतीय छात्रों की भलाई उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। / Facebook @ Dr. S. Jaishankar

अमेरिका में एक ही महीने में चार भारतीय छात्रों की मौत को लेकर चिंता के बीच भारत सरकार ने चौंकाने वाली जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले पांच वर्षों में 34 देशों में अलग-अलग कारणों से 403 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है। 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2018 से लेकर अब तक प्राकृतिक कारणों, दुर्घटनाओं और मेडिकल सहित अन्य कारणों से विदेश में 403 भारतीय छात्रों की मौत हुई है।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय छात्रों की मौतें हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में 91, यूके में 48, ऑस्ट्रेलिया में 35, रूस में 40, अमेरिका में 36 भारतीय छात्रों की मौत पिछले पांच वर्षों में हो चुकी है। 

सरकार की तरफ से संसद में आगे बताया गया कि इन छात्रों के अलावा यूक्रेन में 21, साइप्रस में 14, जर्मनी में 20, इटली में 10 और चीन, किर्गिस्तान व कतर में नौ-नौ छात्र भी अपनी जान गंवा चुके हैं। 

विदेश मंत्री का यह बयान अमेरिका के ओहायो में हाल ही में 19 वर्षीय श्रेयस रेड्डी बेनिगेरी की संदिग्ध हालात में मौत के बाद आया है। एक हफ्ते में अमेरिका में भारतीय छात्र की यह तीसरी और एक महीने में चौथी मौत है। 

श्रेयस से पहले पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे नील आचार्य का हवाई अड्डे के पास शव बरामद हुआ था। वहीं जॉर्जिया के लिथोनिया शहर में एक बेघर नशेड़ी ने छात्र विवेक सैनी की हत्या कर दी गई थी। उससे पहले इलिनोइस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे 18 वर्षीय अकुल धवन का शव मिला था। उसमें हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखे थे। 

भारतीय छात्रों की एक के बाद एक मौत को लेकर परिजनों में चिंता के बीच विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने लिखित जबाव में कहा कि विदेश में भारतीय छात्रों का कल्याण सरकार की सबसे अहम प्राथमिकताओं में से एक है। भारतीय छात्र जहां भी विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं, हमारे मिशन उनके साथ नियमित संपर्क में रहते हैं और वरिष्ठ अधिकारी लगातार विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का दौरा करते रहते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि विदेश में स्थापित भारतीय मिशन और केंद्र भारतीय छात्रों को होने वाली किसी भी समस्या पर प्राथमिकता के आधार पर प्रतिक्रिया देते हैं। इसके लिए फोन, ई-मेल, सोशल मीडिया, 24x7 हेल्पलाइन, ओपन हाउस और पोर्टल जैसे विभिन्न माध्यम सक्रिय हैं। 

जयशंकर ने आगे कहा कि हमारे मिशन और पोस्ट सतर्क रहकर छात्रों की भलाई पर पैनी नजर रखते हैं। यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसे तुरंत उस देश के अधिकारियों के सामने उठाया जाता है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि घटना की उचित जांच हो और दोषियों को सजा मिल सके। 

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