अमेरिका के फॉर्मर प्रिंसिपल सॉलिसिटर जनरल नील कत्याल, दो अन्य भारतीय अमेरिकी मोनिका अरोड़ा और अंबिका कुमार को फोर्ब्स की अमेरिका के टॉप 200 वकीलों की लिस्ट में जगह मिली है। पेशे में बेहतरीन लोगों की विशिष्टताओं, ट्रैक रिकॉर्ड वाले ऐसे वकील जिन्होंने अपने क्षेत्रों में उभरने के लिए तमाम बाधाओं को पीछे कर दिया है साथ ही जो साथियों और अपने ग्राहकों में सबसे अधिक सम्मानित हैं, उन्हें लिस्ट में जगह दी गई है।
फोर्ब्स ने लिस्ट में चुने जाने पर कहा कि हाल के वर्षों में सबसे अधिक परिणामी मामलों, सौदों या कानूनी रुझानों में शामिल शीर्ष वकीलों को लिस्ट में जगह मिली है। फोर्ब्स पावर लिस्ट में तीन भारतीय अमेरिकी रेपुटेशन, रेकॉर्ड एक्सीलेंस और फोर्ब्स की मान्यता के रूप में व्यवसाय में सर्वश्रेष्ठ के साथ खड़े हैं।
फोर्ब्स ने उल्लेख किया कि कत्याल ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 50 मामलों में बहस की है और उनके पास मुकदमेबाजी, संवैधानिक कानून, पेटेंट, मध्यस्थता और रोजगार में व्यापक अनुभव हैं। वह जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या में मिनेसोटा राज्य के लिए विशेष अभियोजक के रूप में काम कर रहे हैं। साल 2010 से 2011 तक अमेरिका के कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल रहते हुए कात्याल ने 1965 के वोटिंग अधिकार कानून की संवैधानिकता को बरकरार रखने के मामले में जीत हासिल की थी।
नील कात्याल ने 2023 में मतदान के अधिकार से संबंधित एक और ऐतिहासिक मामला तब जीता जब न्यायालय ने उत्तरी कैरोलिना गेरमैंडरिंग मामले में 'स्वतंत्र राज्य विधायिका सिद्धांत' को खारिज कर दिया था। होगन लोवेल्स ने एक्स पर लिखा कि साथी @NealKatyal को बधाई, जिन्हें फोर्ब्स मैगजीन ने अमेरिका के शीर्ष 200 वकीलों में से एक का नाम दिया है।
फोर्ब्स के अनुसार, लिस्ट में सम्मान पाने वाले भारतीय मूल के अंबिका कुमार डेविस राइट ट्रेमाइन के मीडिया प्रैक्टिस के सह-अध्यक्ष हैं और कंटेंट लायबिलिटी और इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेसी के मुद्दों पर एक वकील हैं। वह अपनी फ्री स्पीच विशेषज्ञता, 1996 के कम्युनिकेशन डिसेंसी ऐक्ट के ज्ञान और विकसित प्रौद्योगिकी पर फ्री स्पीच सिद्धांत कैसे लागू होते हैं, इसकी समझ के लिए व्यापक रूप से पहचानी जाती हैं। अंबिका कुमार अपने क्लाइंट्स को मानहानि, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और पब्लिक रेकॉर्ड मामलों में काउंसलिंग भी करती हैं। उनकी क्लाइंट लिस्ट में फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और अलास्का एयरलाइंस शामिल हैं।
वहीं, मोनिका अरोड़ा एक टॉप इन्वेस्टमेंट फंड वकील और प्रोस्काउर में निजी फंड समूह के सह-प्रमुख हैं। वह एसेट मैनेजमेंट बायआउट, क्रेडिट, ग्रोथ इक्विटी, रियल एसेट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर फंडों पर सलाह देती हैं। फोर्ब्स के अनुसार, उद्योग में एक विचारशील लीडर मोनिका बड़ी निवेश फर्मों से लेकर स्टार्ट-अप तक, निवेश फंड मामलों के पूर्ण स्पेक्ट्रम में ग्लोबल एसेट मैनेजर्स का प्रतिनिधित्व करती हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login