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आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों को चरमपंथी घोषित किया जाए, कनाडा में 25 संगठनों की मांग

हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, कैनेडियन काउंसिल ऑफ इंडियन मुस्लिम्स और कैनेडियन अगेंस्ट ऑप्रेशन एंड प्रोसिक्यूशन जैसे संगठनों ने इस बारे में ट्रूडो सरकार को एक पत्र लिखा है।

कनाडा में हिंदूवादी गतिविधियों के विरोध में मार्च भी किया गया। / Image- SADAC and CERAS

कनाडा के 25 दक्षिण एशियाई संगठनों ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक ओपन लेटर लिखकर भारत के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े संगठनों को हेट ग्रुप और चरमपंथी संगठन घोषित करने की मांग की है।

यह मांग कनाडा में सिख और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने और धमकियों की घटनाओं में आरएसएस से जुड़े समूहों की कथित भागीदारी के आरोपों के बाद आई है। ये पत्र हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, कैनेडियन काउंसिल ऑफ इंडियन मुस्लिम्स और कैनेडियन अगेंस्ट ऑप्रेशन एंड प्रोसिक्यूशन जैसे संगठनों की तरफ से लिखा गया है।

इस पत्र में नेशनल काउंसिल ऑफ कैनेडियन मुस्लिम्स की साल 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सिख विरोधी हिंसा में आरएसएस से संबंधित समूहों का कथिर हाथ होने का आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

इस रिपोर्ट में कनाडा में हिंदू वर्चस्ववादी संबंधी बयानबाजी और घटनाओं में कथित तौर पर संघ परिवार और आरएसएस से संबंधित समूहों का हाथ बताया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राजनीतिक रूप से संचालित आरएसएस की विचारधारा यूरोपीय फासीवादी सिद्धांतों से मेल खाती है।

पत्र में कनाडा सरकार से दक्षिण एशियाई अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा प्रदान करने और आरएसएस द्वारा मानवाधिकारों के कथित हनन के मामलों की जांच का आग्रह किया गया है। मांग की गई है कि सरकार को चरमपंथी विचारधाराओं से अपने नागरिकों को बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए।

याद दिला दें कि ब्रिटिश कोलंबिया में 2023 में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से कनाडा-भारत के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। आरसीएमपी सहित कनाडाई अधिकारियों ने कनाडा में हुई हिंसक घटनाओं में कथित तौर पर विदेशी सरकारी एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया है। ट्रडो सरकार के मंत्री ने अब भारतीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाए हैं, जिसका भारत सरकार ने खंडन किया है।

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