इस साल का पेरिस ओलंपिक अब अंतिम चरण में है, लेकिन भारत की पदक की उम्मीदें अभी कायम हैं। खेल पंचाट ने विनेश फोगाट मामले पर भी फैसला 11 अगस्त तक टाल दिया है।
पहलवान रीतिका हुड्डा 76 किग्रा वर्ग में क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की किजी ए मेडेट से हार गईं, लेकिन कांस्य पदक के लिए उनकी उम्मीदें रेपेचेज पर निर्भर हैं। रीतिका ने प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की नेगी बर्नाडेट को 12-2 से हराकर अच्छी शुरुआत की थी। क्वार्टर फाइनल में उनका सामना दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी किर्गिस्तान की किजी ए मेडेट से हुआ।
पहले राउंड में रीतिका को आक्रामकता दिखाने के कारण एक टेक्निकल पॉइंट मिला। दूसरे राउंड में रीतिका ने अपने प्रतिद्वंद्वी को एक सावधानी अंक लेने का मौका दे दिया। चूंकि अंतिम सावधानी अंक जीतने वाले पहलवान को ही विजेता घोषित किया जाता है, ऐसे में रीतिका यह मैच हार गईं। अब सब कुछ उनके रविवार के रेपेचेज राउंड पर निर्भर करेगा। अगर वह कामयाब रहीं कांस्य पदक के लिए लड़ेंगी।
भारत को कुश्ती में पहला पदक एक दिन पहले अमन शेरवत ने दिलाया था। उन्होंने पुर्तगाल के डेरियन तोइ क्रूज को 13-5 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों के बाद भारत का पहला कुश्ती पदक है।
कुश्ती के प्रशंसकों को विनेश फोगाट मामले में भारत की तरफ से दायर अपील पर खेल पंचाट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। यह अपील भारत ने 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित किए जाने के बाद दायर की है। विनेश का कहना है कि उन्हें कम से कम रजत पदक तो दिया जाए।
खेल पंचाट ने हालांकि शनिवार देर रात लिए फैसले में अपना फैसला 11 अगस्त तक के लिए रिजर्व कर लिया। अगर विनेश की अपील स्वीकार कर ली जाती है तो उन्हें महिलाओं के 50 किलो वर्ग में संयुक्त रूप से रजत पदक से सम्मानित किया जा सकता है।
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