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कौन है भारतीय-अमेरिकी ऋषि शाह, जिसने नामी कंपनियों को लगाया 8 हजार करोड़ का चूना

ऋषि शाह शिकागो की हेल्थ टेक्नोलोजी स्टार्टअप कंपनी आउटकम के सीईओ रहे हैं, वहीं श्रद्धा इस कंपनी की सह संस्थापक और प्रेसिडेंट थीं। इन पर गोल्डमैन सैक्स, गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट और इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर की कंपनी जैसे हाई-प्रोफाइल निवेशकों को धोखा देने का आरोप साबित हुआ है। 

ऋषि शाह और श्रद्धा अग्रवाल / images : linkedin

अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड मामलों में से एक में भारतीय मूल के दो अमेरिकियों को दोषी ठहराते हुए जेल की सजा सुनाई गई है। ऋषि शाह और श्रद्धा अग्रवाल पर एक बिलियन डॉलर यानी करीब 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप साबित हुआ है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, 38 वर्षीय ऋषि शाह शिकागो की हेल्थ टेक्नोलोजी स्टार्टअप कंपनी आउटकम के सीईओ रहे हैं, वहीं श्रद्धा इस कंपनी की सह संस्थापक और प्रेसिडेंट थीं। इन पर गोल्डमैन सैक्स, गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट और इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर की कंपनी जैसे हाई-प्रोफाइल निवेशकों को धोखा देने का आरोप साबित हुआ है। 

आउटकम हेल्थ के सह-संस्थापक शाह को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के 12 से अधिक मामलों में दोषी ठहराते  हुए साढ़े सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। श्रद्धा को तीन साल की सजा हुई है। इनके अलावा कंपनी के पूर्व सीओओ ब्रैड पर्डी को दो साल तीन महीने की जेल हुई है। अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज थॉमस डर्किन ने इसे इतिहास के सबसे बड़े कॉर्पोरेट धोखाधड़ी मामलों में से एक बताते हुए यह सजा सुनाई है।

ऋषि शाह एक प्रौद्योगिकी निवेशक और उद्यमी हैं। उन्होंने 2011 में जम्पस्टार्ट वेंचर्स की सह-स्थापना की थी। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में उन्होंने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, शिक्षा प्रौद्योगिकी और मीडिया में 60 से अधिक प्रत्यक्ष निवेश किए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऋषि ने 2005 में हार्वर्ड से पढ़ाई की थी। उसके अपना बिजनेस शुरू करने से पहले एक साल तक नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। 2006 में उन्होंने आउटकम हेल्थ की स्थापना की। यह कंपनी डॉक्टरों के यहां टीवी स्थापित मरीजों को लक्षित स्वास्थ्य विज्ञापन दिखाने का काम करती थी। 2010 तक यह कंपनी तकनीक व स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अच्छा नाम कमा लिया था। 

कंपनी की ऑपरेशनल और वित्तीय स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। उन्होंने निवेशकों, ग्राहकों और कर्ज देने वालों के साथ फ्रॉड किया। बड़ी-बड़ी कंपनियों को करोड़ों का चूना लगाया। इसकी बदौलत 2016 में ऋषि की नेटवर्थ 33 हजार करोड़ से अधिक हो गई थी। 

बाद में गोल्डमैन, ऐल्फाबेट और इलिनॉय के गवर्नर प्रित्जकर की कंपनियों ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। सुनवाई के बाद अप्रैल 2023 में ऋषि आदि को ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के 12 मामलों में दोषी ठहराया गया। अब इन्हें सजा सुनाई गई है। 

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